इंसानियत शर्मसार।श्मशान घाट से लौटे परिजन सम्पत्ति के लालच में भिड़े, गंदा नाला पहुँची पुलिस फ़ोर्स

 रिपोर्ट_प्रभ जोत सिंह जिला ब्यूरो चीफ

इंडेविन टाइम्स न्यूज नेटवर्क 

  • इंसानियत की रोशनी गुम हो गई कहां।साये तो है आदमी के मगर आदमी कहाँ

सुल्तानपुर।श्मशान घाट पर जलती चिता छोड़कर आए परिवार के लोगों के बीच झगड़ा शुरू हो गया।सूचना पर पहुँची नगर कोतवाली फ़ोर्स पहुँची, लोगों की भीड़ से गन्दा नाला मार्ग थोड़ी देर के लिए जाम हो गया।वजह भी ऐसे की हर कोई जानने के बाद जमाने को कोस रहा है। दरअसल शहर के जाने-माने गंगाराम अग्रहरी सेठ जी का आज निधन हो गया। उनका निवास शहर के गंदा नाला पर था। वहां पर उन्होंने कई बेशकीमती दुकानें किराए पर दे रखी थी ।सेठ जी के आज सोमवार को राजधानी लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गयी।

परिजन उनके शव को हथियानाला स्थित श्मशान घाट लेकर गए।वहां अंत्येष्टि के बाद घर पहुँचे चाचा-भतीजियों के बीच रिस्तेदारो के सामने सम्पत्ति को लेकर जंग छिड़ गई ।काफी देर तक शुभचिंतकों ने समझाया लेकिन महाभारत तेज होता देख लोगों ने पुलिस बुला लिया।मौके पर घंटाघर चौक इंचार्ज मुकेश कुमार, निराला नगर चौकी प्रभारी नियाजी हुसैन तथा महिला थाने की पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद है। अभी भी मानवता को शर्मसार करने वाला झगड़ा चल रहा है। 

संपत्ति के लालच में कोई किस कदर अंधा हो जाता है कि चिता की आग अभी बुझने न पाई और झगड़ा शुरू हो गया है।इस तमाशे से एक बात तो साफ है कि सेठ गंगाराम के इस दुनिया से जाने का गम परिजनों को कम था और सम्पत्ति को हथियाने का जतन ज्यादा ही तेज है।किसी ने सच ही कहा है कि "इंसान की संपत्ति ना दौलत है ना धन है| उसकी संपत्ति तो उसका हंसता हुआ परिवार और संतुष्ट मन है।"