ऑपरेशन थिएटर से घसीट कर बाहर करने वाली महिला चिकित्सक पर कार्यवाही की मांग

 रिपोर्ट_निसार अहमद जिला संवादाता 

इंडेविन टाइम्स न्यूज नेटवर्क 

  • ऑपरेशन करने के नाम पर 25000 रूपए की बनी घूसखोर सरकारी महिला चिकित्सक

सुल्तानपुर। गैर कानूनी तरीके से घूसखोरी करने व गर्भवती स्त्री को ऑपरेशन थिएटर से घसीटकर बाहर करने के मामले में जिला महिला अस्पताल कटघरे में खड़ा होता नजर आ रहा है। पीड़ित परिजन जिला अधिकारी रवीश गुप्ता से मिलकर सरकार व सरकारी तंत्र से वेखौफ हो ₹25000 की रिश्वत मांगने वाली महिला चिकित्सक डॉ आस्था त्रिपाठी पर विधिक कार्यवाही करने की लिखित शिकायत की है

जिलाधिकारी से की गई लिखित शिकायत के अनुसार जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के भभोट गांव निवासी प्रमोद कुमार वर्मा पुत्र राजित राम वर्मा ने लिखा है कि 15 दिसंबर को गर्भवती पत्नी सत्यभामा को लेकर जिला महिला अस्पताल आया। चिकित्सकों की सलाह पर दूसरे दिन दिनांक 16 दिसंबर को ऑपरेशन करने की बात कही गई। ऑपरेशन थिएटर में ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक डॉक्टर आस्था त्रिपाठी ने दर्द से कराह रही पीड़ित गर्भवती महिला को ऑपरेशन करने के लिए ऑपरेशन रूम ले गई,जहां पर कुछ दवाइयां लिखी गई और जिला अस्पताल में भर्ती होने का रिकॉर्ड मंगवाया गया। महिला को ग्लूकोज लगाया गया और यह कहा गया कि खून की कमी है शरीर में 9 पॉइंट खून है। आप्रेशन के दौरान खून की आवश्यकता पड़ेगी। 

खून का प्रबंध करो जिस पर तीमारदारों ने तैयारी भी बना रखी थी। जबकि जानकार चिकित्सकों का मानना है कि 9 पॉइंट खून ऑपरेशन के लिए पर्याप्त है। फिर महिला चिकित्सक डॉक्टर त्रिपाठी ने पीड़ित गर्भवती महिला के तीमारदारों को भयभीत करते हुए कहा कि जिला अस्पताल में ऑपरेशन संभव नहीं है, हां मैं रिस्क ले सकती हूं लेकिन इसके एवज में ₹25000 नगद आपको भुगतान करना पड़ेगा। आपबीती बताते महिला के पति प्रमोद कुमार वर्मा फफक- फफक कर रो पड़ेऔर पैसा देने में असमर्थता जताई, तो मेरे मरीज को घसीटते हुए ऑपरेशन थिएटर की सीढ़ियों पर लाकर बैठा दिया। जिस पर मैं मजबूर करता भी तो क्या करता थक हार कर लोगों ने कहा कि अगर पैसा देना ही है तो किसी प्राइवेट नर्सिंग होम में ऑपरेशन करवाए, जिला अस्पताल में अतिरिक्त सुविधा शुल्क नहीं देंगे क्योंकि सरकार गरीबों के साथ हमेशा खड़ी है।

 मजबूरन दर्द से कराह रही गर्भवती महिला सत्यभामा को लेकर परिजनों ने किसी तरह जिला महिला अस्पताल से बाहर एक प्राइवेट नर्सिंग होम लेकर गये। जहां पर कम शुल्क व बिना किसी समस्या के महिला को ऑपरेशन के दौरान सकुशल पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई जिसे लेकर खुशी व्याप्त है। वहीं दूसरी तरफ परिजनों ने कहा है कि मेरे मरीज के साथ असहनीय दर्द होते हुए भी उपरोक्त सरकारी महिला चिकित्सक मानवता को ताक पर रखकर पैसे की मांग करती रही जो सरकार और सरकारी तंत्र के लिए शर्मसार करने वाली बात है। ऐसी दशा में जिलाधिकारी से मिलकर मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है।