श्रीमद् भागवत कथा का पांचवा दिन हुआ सम्पन

रिपोर्ट_प्रभ जोत सिंह जिला ब्यूरो चीफ

इंडेविन टाइम्स न्यूज नेटवर्क

 सृष्टि का सार तत्व है परमात्मा: आचार्य प्रभाकर 

चाँदा सुल्तानपुर।संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। उक्त उद्गार ईशीपुर गांव में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के पांचवें दिन प्रयागराज से पधारे आचार्य प्रभाकर जी महाराज ने उपस्थित भक्तों के समक्ष व्यक्त किये।

     महाराज श्री ने भगवान की बाल लीलाओं का विस्तार पूर्वक वर्णन किया। कथा को आगे बढ़ाते हुये आचार्य जी ने कहा कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। जीव का कल्याण इसी में संभव है। श्रीकृष्ण केवल ग्वाल-बालों के सखा भर नहीं थे, बल्कि उन्हें दीक्षित करने वाले जगद्गुरु भी थे। श्रीकृष्ण ने उनकी आत्मा का जागरण किया और फिर आत्मिक स्तर पर स्थित रहकर सुंदर जीवन जीने का अनूठा पाठ पढ़ाया। कथा के बीच बीच  सुमधुर संगीत स्वर लहरियों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। इसके पूर्व मुख्य यजमान राम आसरे मिश्र वैद्य जी ने व्यासपीठ का पूजन किया। राम अभिलाख मिश्र, पारस मित्र, सचिन, संजय मिश्र, संजय तिवारी के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कथा का रसपान किया।