दलित की नाबालिग बेटी की इज्जत से खेलने के दोषी को पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा,ठोंका 21 हजार रुपये का अर्थदण्ड

रिपोर्ट_प्रभ जोत सिंह जिला ब्यूरो चीफ

अर्चना नारायण जिला संवादाता

इंडेविन टाइम्स न्यूज नेटवर्क 

  • दलित की नाबालिग बेटी की इज्जत से खेलने के दोषी दीनानाथ मिश्रा को जज पवन कुमार शर्मा की विशेष अदालत ने सुनाई पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा,ठोंका 21 हजार रुपये का अर्थदण्ड
  • बकरी चराने गई 13 वर्षीय किशोरी प्यास लगने पर जा रही थी पानी पीने,इसी दौरान रास्ते मे 40 वर्षीय दीनानाथ ने किशोरी का हाथ पकड़कर खींच लिया था धान के खेत मे,की थी अश्लील हरकत,चिल्लाने पर दौड़े लोग तो बच सकी थी पीड़िता की अस्मत
  • कोर्ट ने दीनानाथ मिश्रा के जरिये इस उम्र में नाबालिग किशोरी की इज्जत से खेलने की गंदी सोच को समाज के लिए माना घातक,इसी के दृष्टिगत साबित अपराध के अनुसार सुनाई अधिकतम सजा

सुलतानपुर। बकरी चराने गई दलित की 13 वर्षीय बेटी की इज्जत से खेल गन्दा काम करने के प्रयास के मामले में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी दीनानाथ मिश्रा को दोषी करार दिया है। जिसके अपराध को अदालत ने समाज के लिए घातक मानते हुए उसे पांच वर्ष के कठोर कारावास एवं 21 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

मालूम हो कि संग्रामपुर थाना क्षेत्र स्थित राजापुर कोहरा गांव के रहने वाले आरोपी दीनानाथ मिश्रा के खिलाफ इसी थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता किशोरी की मां ने स्थानीय थाने पर तीन अक्टूबर 2022 की घटना बताते हुए तहरीर दी थी। जिसमे आरोप लगाया गया था कि घटना के दिन उसकी 13 वर्षीय पुत्री बकरी चराने गई थी,जहां से वह प्यास लगने पर पानी पीने के लिए आ रही थी,इसी दौरान रास्ते मे आरोपी दीनानाथ मिश्रा ने किशोरी का हाथ पकड़कर धान के खेत मे खींच लिया और अश्लील हरकत करते हुए उसकी अस्मत लूटने का प्रयास किया।

 पीड़िता जब चिल्लाई तो आस-पास मौजूद लोग दौड़े तो उसकी अस्मत बच सकी और आरोपी दीनानाथ जाति सूचक अपशब्द कहते हुए पीड़िता को जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग गया। मामला दलित परिवार एवं समाज का उच्च वर्ग कहे जाने वाले परिवार से जुड़ा होने के चलते स्थानीय थाने की पुलिस ने भी आरोपी के अनुचित प्रभाव में मामले में मुकदमा दर्ज करने के बजाय कई घण्टो टाल-मटोल किया और किसी तरह सलटाने का प्रयास किया,लेकिन तब भी बात नहीं बनी तो घटना के करीब 21 घण्टे बाद एफआईआर दर्ज हो सकी।मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को जेल भेजने की कार्यवाही की। 

मुकदमे की तफ्तीश पूरी कर विवेचक ने आरोपी दीनानाथ मिश्रा के खिलाफ छेड़खानी व पॉक्सो एक्ट सहित अन्य आरोपो में चार्जशीट दाखिल की। इस मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत करते हुए आरोपी को बेकसूर साबित करने का प्रयास किया। वहीं विशेष लोक अभियोजक सीएल द्विवेदी ने अपने साक्ष्यो व तर्को को प्रस्तुत करते हुए आरोपी को दोषी ठहराकर इस घिनौनी वारदात के लिए कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। 

उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी दीनानाथ को दोषी करार देते हुए उसके जरिये 40 वर्ष की उम्र में एक नाबालिग किशोरी के साथ इस तरीके की गंदी हरकत करने की सोच को समाज के लिए घातक मानते हुए उसे पांच वर्ष के कठोर कारावास एवं 21 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में कोर्ट की सक्रियता से पीड़ित पक्ष को घटना से करीब दो वर्ष के भीतर ही न्याय मिल गया,जिससे अन्य पीड़ित परिवारों में भी शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।