रामलीला राक्षसी ताड़का को मारकर राम-लक्ष्मण ने की ऋषि मुनियों की रक्षा

 रिपोर्ट_प्रभ जोत सिंह जिला ब्यूरो चीफ

इंडेविन टाइम्स न्यूज नेटवर्क 

  • राक्षसी ताड़का को मारकर राम-लक्ष्मण ने की ऋषि मुनियों की रक्षा
  • नगर में चल रही ऐतिहासिक रामलीला अवध धाम से पधारे कलाकारों का मंचन

सुल्तानपुर। रामलीला में मुनि विश्वामित्र वन में राक्षसों के अत्याचार से चिन्तित राजा दशरथ के पास पहुंचते हैं, राजा दशरथ उन्हें दरबार में लाकर उचित आसन पर बिठाकर अपने पुत्रों से मुनि के चरण स्पर्श करने को कहते हैं । राजा दशरथ मुनि विश्वामित्र से आगमन का कारण पूछते हैं । मुनि विश्वामित्र राजा दशरथ से कहते हैं कि हे राजन असुर समूह ऋषियों और मुनियों को बहुत सताते हैं इसलिए मैं आपसे कुछ मांगने आया हूं ,विश्वामित्र कहते हैं कि राक्षसों से रक्षा करने के लिए उन्हें श्रीराम और लक्ष्मण चाहिए जो उन राक्षसों का संहार करेंगे और ऋषि मुनि असुरों से सुरक्षित हो सकेंगे, मुनि की बातों को सुनकर राजा दशरथ व्याकुल हो जाते हैं और बार-बार अनुरोध करते हैं कि श्रीराम उनको बहुत अधिक प्रिय हैं उन्हें कैसे दे दूं। यह किशोर बालक और कहां बड़े-बड़े राक्षस हैं, मुनि विश्वामित्र राजा दशरथ को सभी प्रकार से समझाते हैं और उनका संशय दूर करते हैं तब राजा दशरथ आशीर्वाद देकर राम , लक्ष्मण को मुनि विश्वामित्र को सौंप देते हैं। 

श्रीराम और लक्ष्मण महल में जाकर माता कौशल्या से आशीर्वाद लेकर मुनि के साथ वन की ओर प्रस्थान करते हैं वन में जाते हुए ताड़का नाम की दुष्ट राक्षसी का वध करने के बाद से राक्षस राज मारीच को बिना फर का बाण मार कर दूर फेंक देते हैं। उसके बाद राक्षस सुबाहू को एक बाण मारकर भस्म में कर देते हैं। भगवान राम आश्रम पहुंचकर श्राप वश पत्थर की हुई अहिल्या का उद्धार करते हैं। नगर की ऐतिहासिक रामलीला के आज छठवें दिन मुनि आगमन व ताड़का वध प्रसंग का मंचन किया । यहां सतीश कुमार त्रिपाठी, राहुल उपाध्याय प्रबंधक श्री बालाजी डिग्री कॉलेज बांसगांव बरौसा सुलतानपुर ,डॉ शिमल श्रीवास्तव प्राचार्य महात्मा गांधी पीजी कॉलेज कूरेभार , डॉ अजय तिवारी प्रिंसिपल शेमफॉर्ड फ्यूचरिस्टिक स्कूल सुलतानपुर ,अजित उपाध्याय , शैलेंद्र कुमार त्रिपाठी, दीपक प्रकाश तिवारी, संजीव कुमार त्रिपाठी, वृजेश तिवारी, शरद कश्यप आदि मौजूद रहे ।