गूंगी-बहरी व 14 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने सुनाई 20 वर्ष व 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा

रिपोर्ट_प्रभ जोत सिंह जिला ब्यूरो चीफ

इंडेविन टाइम्स न्यूज नेटवर्क 

  • मामले में आरोपी की हवस का शिकार बनी दुष्कर्म पीड़िता हो गई थी प्रेग्नेंट,
  • पीड़िता की तबियत बिगड़ने पर हुई जांच में प्रेगनेंसी की बात आई थी सामने,
  • पीड़िता ने लिखकर व इशारा कर बताई थी आरोपी मोहन की पहचान*
  • करीब 23 महीने पहले जयसिंहपुर थाने में आरोपी के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर

सुल्तानपुर। 14 वर्षीय किशोरी के गूंगी-बहरी होने व नासमझी का नजायज फायदा उठाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देकर उसे प्रेग्नेंट करने के मामले में स्पेशल कोर्ट ने आरोपी मोहन धुरिया को दोषी ठहराया है। जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास व 50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। 

मालूम हो कि जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित हालापुर-रोटीगांव के रहने वाले आरोपी मोहन धुरिया के खिलाफ इसी थाना क्षेत्र की रहने वाली गूंगी-बहरी 14 वर्षीय पीड़िता किशोरी के पिता ने गंभीर आरोप लगाते हुए दो अक्टूबर 2020 को स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी बेटी की तबियत काफी दिनों से खराब चल रही थी, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया तो जांच में पता चला कि वह प्रेग्नेंट है। फिलहाल पीड़िता गूंगी-बहरी होने के कारण अपने साथ वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी का नाम बोलकर नहीं बता सकती थी, लेकिन परिजनों के जरिये पूंछने पर उसने लिख कर व इशारा कर आरोपी की पहचान बताई और उसकी फोटो भी देखकर पुष्टि की। 

इस मामले में आरोपी मोहन धुरिया के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ और जेल भेजने की कार्यवाही करने के बाद आरोप-पत्र भी दाखिल हुआ। मामले का विचारण स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत में चला। विचारण के दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी मोहन धुरिया को बेकसूर साबित करने का भरपूर प्रयास किया। वहीं अभियोजन पक्ष की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रमेश चंद्र सिंह ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत कर आरोपी मोहन को ही इस घिनौनी वारदात के लिए दोषी ठहरा कर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। मामले में प्रकरण की तफ्तीश करने वाले तत्कालीन जयसिंहपुर कोतवाल भूपेंद्र सिंह को साक्ष्य देने में लापरवाही बरतने के चलते स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट व वेतन रोकने का आदेश जारी कर बीते 21 जून के लिए तलब भी किया था और एसपी अमेठी को पत्र जारी कर गवाह भूपेंद्र सिंह को पेश कराने का आदेश दिया था। 

जिसके बाद मामले में कोर्ट पहुँचे कोतवाल भूपेंद्र सिंह की गवाही पूरी हो सकी थी। मामले में उभय पक्षो को सुनने के पश्चात जज पवन कुमार शर्मा ने आरोपी मोहन को दोषी ठहराते हुए उसे 20 वर्ष कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।