सूबे के मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह पर हाईकोर्ट के निर्देशन में पहुँचे सुलतानपुर कोर्ट,जज ने 500 रुपये लगाया अर्थदण्ड

रिपोर्ट_परविंदर सिंह जिला ब्यूरो चीफ

इंडेविन टाइम्स न्यूज नेटवर्क 

  • हाईकोर्ट में राज्यमंत्री ने पुलिस की चार्जशीट व लोअर कोर्ट के तलबी आदेश को दी थी चुनौती,
  • हाईकोर्ट ने 195 सीआरपीसी के प्राविधानों से बाधित बताते हुए धारा-188 भादवि की कार्यवाही को माना था अवैध,दे दिया था शून्य करार
  • मात्र 171-एच जैसे छोटे अपराध में केस चलाना हाईकोर्ट ने माना था कोर्ट के कीमती समय की बर्बादी, 
  • सम्बंधित न्यायालय को जुर्माना लगाकर केस खत्म करने का दिया था निर्देश
  • एसीजेएम तृतीय श्रीमती साइमा सिद्दीकी जर्रार आलम की अदालत ने जुर्माना अविलम्ब जमा करने का आदेश जारी कर केस की कार्यवाही को खत्म करने का दिया आदेश

सुलतानपुर। सूबे के स्वास्थ्य राज्य मंत्री व तिलोई विधान सभा से पांचवी बार विधायक बने मयंकेश्वर शरण सिंह हाईकोर्ट के निर्देशन में शनिवार को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामले में कोर्ट में हाजिर हुए। जिन्होंने हाईकोर्ट के निर्देशन में जुर्माने की धनराशि जमा करने व केस खत्म करने सम्बन्धी अर्जी दी। जिसे स्वीकार करते हुए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय श्रीमती साईमा सिद्दीकी जर्रार आलम की अदालत ने राज्यमंत्री पर 500 रुपये अर्थदण्ड लगाते हुए उसे अविलम्ब जमा करने की अनुमति देकर केस की कार्रवाई को खत्म करने का आदेश दिया है। इस दौरान राज्य मंत्री के समर्थकों की काफी भीड़ जुटी रही।

दरअसल में यह मामला गौरीगंज कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तीन फरवरी 2017 को हुई घटना का जिक्र करते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष आरपी शाही ने तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी व वर्तमान सूबे के स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह व सौ-डेढ़ सौ अज्ञात समर्थको के खिलाफ तहसील की तरफ जाते हुए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर नारेबाजी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। मामले में थाना प्रभारी आरपी शाही की तहरीर पर मयंकेश्वर शरण सिंह व उनके अज्ञात समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। फिलहाल तफ्तीश के दौरान अज्ञात आरोपियों की तलाश कर पाने में पुलिस नाकाम रही,नतीजतन अकेले मयंकेश्वर शरण सिंह के खिलाफ भादवि की धारा-188,171 एच में आरोपपत्र दाखिल हुआ। दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए 18 मार्च 2019 को मयंकेश्वर शरण सिंह के खिलाफ एसीजेएम तृतीय की अदालत से सम्मन जारी कर तलबी आदेश जारी हुआ। 

अदालत से जारी तलबी आदेश व पुलिस की चार्जशीट को मयंकेश्वर शरण सिंह ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने बीते 17 अगस्त को राज्य मंत्री की याचिका को स्वीकार करते हुए धारा-188 के बावत दाखिल आरोपपत्र एवं कोर्ट के जरिये आरोपपत्र पर लिये गये संज्ञान लेने की प्रक्रिया को सीआरपीसी की धारा-195 के प्राविधानों के तहत अवैध करार दिया और उसे शुरू से ही शून्य होना बताया। हाईकोर्ट ने धारा-188 की कार्यवाही को खत्म करने के बाद मात्र 171 एच भादवि की धारा के संबंध में केस चलाना कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करना मानते हुए जुर्माना जमा कर मुकदमे की कार्रवाई खत्म करने के संबंध मे सम्बंधित न्यायालय को निर्देशित किया। हाईकोर्ट से पारित इसी आदेश के अनुपालन में सूबे के राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह आज अपने समर्थकों के साथ न्यायालय पहुंचे,।

 इस दौरान उनके कई समर्थको की भीड़ जुटी रही। कोर्ट पहुँचे राज्य मंत्री के अधिवक्ता रविवंश सिंह ने कोर्ट में अर्जी पेशकर 171-एच की धारा पर कम से कम जुर्माना लगाकर केस की कार्यवाही खत्म करने की मांग की। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश श्रीमती साइमा सिद्दीकी जर्रार आलम की अदालत ने विधायक-तिलोई व सूबे के स्वास्थ्य राज्य मंत्री की अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें मात्र 500 रुपये का अर्थदण्ड अविलम्ब जमा करने का आदेश जारी कर केस की कार्रवाई को खत्म करने का आदेश दिया है।