पांचवीं मोहर्रम का निकला शहर में जुलूस

रिपोर्ट: अफ्तार अहमद क्राइम ब्यूरो चीफ सदर

इंडेविन टाइम्स न्यूज नेटवर्क 

सुलतानपुर कोतवाली नगर क्षेत्र के डिहवा शाहगंज से पांचवीं मोहर्रम का जुलूस बड़ी शानो शौकत से निकला जिसमें शहर के सम्मानित और संभ्रांत लोग शामिल हुए। ताजिया दाराें ने आकर्षण का केंद्र रहे बड़े बड़े अलम हाथों में ले रखा था। कुछ ताजियादार नोहा ख्वानी कर रहे थे, जिक्रे शोहदाए करबला को नोहे में बयान कर रहे थे। किस तरह से यजीद मलून ने कर्बला के बूढ़े, बच्चे और औरतों पर ज़ुल्मो सितम के पहाड़ तोड़े। तीन दिन पहले से पानी पर पहरा लगा दिया। मासूम असगर को पानी का 1 कतरा भी नसीब ना होने दिया। मोहर्रम का महीना इस्लामी साल का पहला महीना भी होता है। लेकिन मुसलमान इस महीने को गम का महीना भी मानते हैं। 

इस महीने में मस्जिदों में तकरीर और कुरान ख्वानी का भी सिलसिला लगातार चलता रहता है ।10 वीं मोहर्रम को जो भी ताजिया होती हैं उनको कर्बला में दफ़न कर दिया जाता है। पूरे महीने लंगर चलता है। सबील पिलाई जाती है। लंगर और सबील में लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।