KNIPSS में व्याख्यान का हुआ आयोजन, प्राचार्य, शिक्षक ने रखे अपने विचार। प्रबंधक पुत्र पुलकित सिंह व्याख्यान में हुये शामिल

रिपोर्ट_प्रभ जोत सिंह जिला ब्यूरो चीफ

इंडेविन टाइम्स न्यूज नेटवर्क 

सुल्तानपुर।जिले के फरीदीपुर स्थित कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान में आज बाबू के एन सिंह व्याख्यान श्रृंखला का प्रथम व्याख्यान सकुशल सम्पन्न हुआ। यह व्याख्यान संस्थान के वाणिज्य व प्रबन्धन संकाय के संयुक्त तत्वावधान में " हाउ टू प्रिपेयर फार दी वुका इन्वायर्नमेन्ट : ए ग्लोबल पर्सपेक्टिव " नामक शीर्षक पर केन्द्रित था। सर्वप्रथम मंच का संचालन कर रहे प्रबन्धन के छात्र/छात्राओं यथा मोहम्मद अदिल हुसैन व अन्य के आह्वान पर इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रोफेसर डॉ॰ रामेश्वर दूबे, संस्थान के प्रबन्धक व सुल्तानपुर विधान सभा क्षेत्र के विधायक के पुत्र श्री पुलकित सिंह व संस्थान प्राचार्य प्रोफेसर आलोक कुमार सिंह आदि नें संस्थान के संस्थापक व युगदृष्टा केदारनाथ सिंह व मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्पण कर द्वीप प्रज्वलित करते हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 

इसी क्रम में मंच संचालक के ही आह्वान पर आज के मुख्य अतिथि वक्ता प्रोफेसर रामेश्वर दूबे को प्रबन्धन संकाय की निदेशिका डॉ॰ इन्द्रजीत कौर, डॉ॰ राम सागर सिंह द्वारा बुके देकर तथा मंचासीन श्री पुलकित सिंह द्वारा अंग वस्त्र प्रदान करते हुए अतिथि सम्मान कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। व्याख्यान प्रारंभ पूर्व मंच संचालक नें प्रोफेसर रामेश्वर दूबे के शैक्षिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रोफेसर दूबे एनालिटिकल अध्ययन पर ज्यादे जोर देते हुए अपने अध्ययन काल में इन्जिनियरिंग, मैनेजमेंट व आपरेशन रिसर्च के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की है तथा चीन व अमेरिका सहित अन्यान्य देशों में अध्ययन कार्य किया है। प्रोफेसर दूबे 25 से अधिक विदेशी संस्थानों में सेवाएं दे चुके हैं तथा वर्तमान में मोन्टरपीलर यूनिवर्सिटी फ्रांस में प्रोफेसर पद पर सेवारत हैं। 

       आज के व्याख्यान शीर्षक पर केन्द्रित रहते हुए प्रोफेसर रामेश्वर दूबे नें वुका पर्यावरण को विस्तारित करते हुए बताया कि एक तरफ आज का विश्व व उसके विकास के समस्त आयाम अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता एवं अस्पष्टता के चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं तो दुसरी तरफ वैश्विक विकास शाश्वत विकास की अवधारणा पर आरूढ़ है। इस द्वि-मार्गी वातावरणीय प्रभाव में विश्व का समग्र क्षेत्र यथा उद्योग, व्यापार, प्रबन्धन, शिक्षा, कृषि, अनुसंधान व सामाजिक आयाम नित-नवीन चुनौतियों का सामना कर रहा है। लेकिन संसाधनता विकास हेतु तीव्रतर नवाचारी प्रवृत्ति भी अपना रहा है। 

फरीदीपुर कैम्पस के व्याख्यान कक्ष में उपस्थित लगभग 700 विद्यार्थियों व प्रबुद्ध जनों को सम्बोधित करते हुए प्रोफेसर दूबे मूलतः प्रबन्धन के विविध प्रकरणों को स्पष्ट करते हुए बताया कि सम्पूर्ण विश्व आज के दौर में पांचवीं औद्योगिक क्रांति के वृत में अपने विकास को लेकर अग्रसर हो रहा है जो आर्टिफिसियल इन्टेलिजेन्स के रूप में जाना जा रहा है। अतः आज के इस दौर में वही देश तीव्र प्रगतिशील होगा जिसके शैक्षिक प्रक्रिया में नित-नवीन विधाओं को आत्मसात् करते हुए मानव संसाधन का विकास किया जाएगा। अंततः संस्थान के प्राचार्य प्रोफेसर आलोक कुमार सिंह नें अपने व मुख्य वक्ता प्रोफेसर दूबे जी के शैक्षिक सम्पर्क व बौद्धिक समीक्षा को साझा किया तथा बाबू के एन सिंह मेमोरियल व्याख्यान श्रृंखला के संस्थानिक उद्देश्य पर प्रकाश डाला व प्रबन्धन संकाय फरीदीपुर की निदेशिका डॉ॰ इन्द्रजीत कौर ने मुख्य अतिथि वक्ता सहित उपस्थित सभी बौद्धिक समुदाय को आभार प्रेषित किया तथा दोनों संकायों के विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दीं।

आज के इस व्याख्यान में संस्थान के निवर्तमान प्राचार्य प्रोफेसर राधेश्याम सिंह, कला संकाय प्रभारी व विश्वविद्यालय शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रोफेसर वी पी सिंह , शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रवीण कुमार सिंह, वाणिज्य संकाय प्रभारी प्रोफेसर जय शंकर शुक्ल, प्रोफेसर जगराम व डॉ॰ अनन्त विक्रम सिंह , प्रबन्धन संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर्स यथा डॉ॰ टीनू कौर, डॉ॰ निखिल श्रीवास्तव, डॉ॰ आर बी सिंह, डॉ॰ वी एन झा व मि० आलोक कुमार सहित समस्त प्राध्यापक व कर्मचारी उपस्थित रहे।