नगर पालिका में बिना बजट स्वीकृत हुए करोड़ों के भुगतान होने के 15वे वित्त के टेंडर का मामला नगर पालिका सभासद एक बार फिर लामबंद

नगर पालिका में बिना बजट स्वीकृत हुए करोड़ों के भुगतान होने के 15वे वित्त के टेंडर का मामला नगर पालिका सभासद एक बार फिर लामबंद

रिपोर्ट_जावेद अहमद सिटी हेड

सुल्तानपुर।बिना बजट पास हुए करोड़ों के भुगतान व बिना सभासदों के प्रस्ताव के 15 वे वित्त के कार्यों का टेंडर कराए जाने के खिलाफ नगर पालिका के सभासद एक बार फिर लामबंद है । शनिवार को जिलाधिकारी रवीश गुप्ता से शिकायत कर बिना बजट की संस्तुति हुए करोड़ों के भुगतान को रोके जाने एवम डीएम की रोक के बावजूद नियम विरुद्ध कराए जा रहे टेंडर को निरस्त किए जाने की मांग की है । 

बताते चलें नगर पालिका परिषद वर्ष 2022/23 का बजट तीन बैठकों के बाद भी पास नहीं हो सका । पालिका अध्यक्ष बबिता जयसवाल ने तीसरे बजट की बैठक के बाद मात्र 5 सभासदों की मौजूदगी में 88/2 का हवाला देते हुए बजट पास होने का दावा किया जिसकी संस्तुति के लिए शासन में पत्र लिखा गया । नगर पालिका में करोड़ों की लूट भ्रष्टाचार अनियमितता व मनमाने पन को आधार बनाते हुए पालिका में बजट का विरोध कर रहे 19 सभासदों ने जिलाधिकारी , आयुक्त अयोध्या मंडल , निदेशक नगर विकास को पत्र लिखकर 86 /2 के अंतर्गत बजट बैठक बुलाए जाने और सभासदों द्वारा दिए गए जनहित के सभी एजेंडे को शामिल किए जाने की मांग की थी । 

अयोध्या मंडल ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर पूरे मामले को नियमानुसार कराए जाने और शासन से विधिक परामर्श लेने के बाद ही कोई कार्य करने का पत्र लिखा गया था । जिले की सांसद मेनका संजय गांधी एवं सुल्तानपुर विधायक विनोद सिंह ने सभासदों के शिकायती पत्र पर नगर पालिका में 15वें वित्त के अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों को नियमानुसार कराए जाने , बोर्ड के सभी सभासदों के प्रस्ताव को शामिल किए जाने का पत्र लिखा था । सांसद और विधायक के पत्र को संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने 15वें वित्त के अनुमोदन को स्थगित करते हुए अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद को नियमानुसार बोर्ड बैठक बुलाकर सभी सभासदों का प्रस्ताव शामिल कर 15वें वित्त की कार्यवाही को संपादित कराने का पत्र लिखा था । 

सूत्र बताते हैं बीते सप्ताह प्रमुख सचिव नगर विकास की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सुल्तानपुर की प्रगति पूछे जाने पर अधिशासी अधिकारी श्यामेंद्र मोहन चौधरी ने उन्हें गुमराह करते हुए नगर पालिका की वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं कराया । जिसके बाद बताया जाता है प्रमुख सचिव द्वारा शहर के विकास को लेकर काम करने को कहा गया । वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का हवाला देते हुए पालिका अध्यक्ष बबिता जयसवाल के पति अजय जयसवाल ने जिला अधिकारी के साथ मिलकर दबाव बनाते हुए अधिशासी अधिकारी को हम वार करते हुए लाभ की इच्छा से करोड़ों रुपए के भुगतान कर दिए । सूत्र यहां तक बताते हैं आधे से अधिक के भुगतान जिन कार्यों के लिए किए गए वह काम जिन ठेकेदारों की फर्म पर हुए पर उसको कराने में पालिका अध्यक्ष के पति व पुत्र ने खूब कमाई की । कुल मिलाकर नगर पालिका में जनता का धन पूरे परिवार की संगठित लूट का संसाधन बना । 

वही करोड़ो टैक्स देने वाली शहर की जनता सफाई पेयजल व मार्ग प्रकाश को लेकर हलकान हो रही है । शासन द्वारा नगर पालिका के बजट की संस्तुति किए बिना पालिका में निरंतर हो रही सरकारी धन की बंदरबांट को लेकर सभासदों ने नगर विकास मंत्री , प्रमुख सचिव नगर विकास व मंडल आयुक्त अयोध्या मंडल को शिकायती पत्र भेजकर को तत्काल रोके जाने , विधि विरुद्ध तरीके से 15 वे वित्त के टेंडर निरस्त करने इन कार्यों में शामिल अधिकारियों / कर्मचारियों समेत पालिका अध्यक्ष पर कार्यवाही की मांग की है ।