वाराणसी / दो छात्रों ने बनाई स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक; गुम होने पर अपनों को बताएगी लोकेशन


वाराणसी. 


सारनाथ स्थित अशोका इंस्टीट्यूट में इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन के दो छात्र अनामिका विश्वकर्मा व जतिन मल्होत्रा ने स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक बनाई है। दावा है कि, रास्ते में कोई बाधा आने पर स्टिक आवाज करती है या वाइब्रेट करती है। यदि रास्ता भटककर दिव्यांग कहीं गुम हो जाता तो वह पैनिक बटन दबा सकता है। जिससे दिव्यांग की लोकेशन उनके अपनों तक संदेश के रुप में पहुंच जाएगी। 


लेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन के चतुर्थ साल के छात्र अनामिका व जतिन का ने 10 दिनों के भीतर एक हजार रुपए खर्च कर इस स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक को तैयार किया है। इसमें आर्डिनो, अल्ट्रासोनिक सेंसर, पानी सेंसर, जीपीएस, जीएसएम, 9 वोल्ट बैटरी, बजर, वाइब्रेटर, 2 स्विच लगाकर बनाया है। 


अनामिका विश्वकर्मा ने बताया कि, रास्ते में बाधाएं आने पर दिव्यांग गिर जाते हैं। लेकिन ये स्टिक रास्ते में आने वाली बाधाओं के बारें में दिव्यांग को सचेत करेगी। कहा- जब अल्ट्रासोनिक सेंसर किसी भी वस्तु या व्यक्ति को छुएगा तो बजर खुद ब खुद बजने लगेगा। रास्ते में पानी होने पर स्टिक वाइब्रेट होने लगेगी। 


जतिन ने बताया कि, यदि कोई दिव्यांग या बुजुर्ग व्यक्ति खो जाता है तो वह पैनिक बटन दबा सकते हैं। उनके स्थान को संदेश के रूप में जीपीएस और जीएसएम के माध्यम से उनके शुभचिंतकों को भेज देगा। इसको आडिनो सर्किट कहते हैं। जीएसएम मोबाइल सर्किट से बना होता है। सेट नम्बर पर गए मैसेज को गूगल मैप में डाल कर सर्च कर लोकेशन पता किया जा सकता है।


रिसर्च एंड डेवलेपमेंट हेड श्याम चौरसिया ने बताया कि दुनिया भर में 37 मिलियन लोग नेत्रहीन हैं। इनमें 10 मिलियन से अधिक लोग भारत से हैं। दृष्टिहीन लोगों के साथ बहुत सारी समस्याएं हैं। ये स्टिक एक मॉडल है। इसको मूर्त रूप से बाजार में लाने की जरूरत है।