रिलायंस जियो ने डेवलप की 5G तकनीक, ट्रायल के लिए सरकार से इजाजत मांगी


नई दिल्ली. 


रिलायंस जियो ने 5G की अपनी तकनीक के ट्रायल के लिए केंद्र सरकार से इजाजत मांगी है। ऐसा करने वाली रिलायंस देश की पहली कंपनी बन गई है। सूत्रों के मुताबिक अगर 5जी तकनीक का ट्रायल रन सफल रहता है, तो जियो 5जी के उपकरणों की तकनीक के डिजाइन को थर्ड पार्टी के जरिए मैन्युफैक्चर्स के लिए आउटसोर्स किया जा सकेगा।


चीनी कंपनियों के साथ मिलकर जियो करेगा 5जी का ट्रायल


जियो ने अपने 5जी ट्रायल रन को तेजी से विस्तार करने का निर्णय चीनी कंपनी हुआवे टेक्नोलॉजीज, एरिक्सन और नोकिया के साथ करने का निर्णय लिया है। शुरुआत में सैमसंग जियो का मुख्य इक्यूपमेंट सप्लायर था। रिलायंस ने अपने टेलीकॉम रिसर्च एंड डेवल्पमेंट डिजाइन और तकनीक पर चुपचाप लंबे वक्त से काम कर रही है। रिलायंस ने 5जी तकनीक और आईओटी को विकसित करने के लिए अमेरिकी कंपनी रेडिसिस को 6.7 करोड़ डॉलर में खरीदा था।


एयरटेल ने चीनी कंपनियों को प्रतिबंध लगाने की मांग की है


अभी तक 5जी तकनीक के मामले में यूरोपीय और चीनी कंपनियों का दबदबा रहा है, इसमें रिलायंस अपनी जगह बनाना चाहतीहै। जियो के अलावा एयरटेल, वोडाफोन आइडिया चीनी कंपनियों एरिक्शन, नोकिया और हुआवे के साथ मिलकर 5जी तकनीक पर काम कर रही हैं। सरकार 2018 से टेलीकॉम इक्यूपमेंट के डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के घरेलू निर्माण पर जोर दे रही है। ट्राई ने लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रस्तावों को पास किया है। जियो ने चीनी कंपनियों के साथ मिलकर ट्रायल रन की इजाजत मांगी है, जबकि भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने चीनी कंपनियों के उपकरणों पर प्रतिबंधित लगाने की मांग की है।