दिल्ली
निर्भया केस में तीन बार दोषियों की फांसी टल चुकी है। इस बीच राष्ट्रपति ने इस मामले में दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही अब चारों दोषियों की फांसी का रास्ता साफ होता दिख रहा है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी निर्भया मामले में दोषी पवन की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की थी। तीन मार्च को निर्भया केस में दोषियों की फांसी की तारीख टल गई थी।
इससे पहले सोमवार को गृह मंत्रालय को पवन (25) की दया याचिका मिली थी। मंत्रालय ने यह याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को उनके विचारार्थ और फैसले के लिये भेजी। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 2012 के इस मामले में चारों दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। चारों दोषियों को पहले मंगलवार सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी।
दिल्ली सरकार ने भी खारिज करने की सिफारिश की थी
सोमवार को दिल्ली सरकार ने निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता द्वारा दायर की गई दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की थी। दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय से दया याचिका मिलने के कुछ ही मिनटों के बाद यह सिफारिश की थी। एक सूत्र ने बताया, 'दिल्ली सरकार ने पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की। मामले की फाइल अब उप राज्यपाल अनिल बैजल के पास उनकी अनुशंसा के लिये भेजी जाएगी।'
इससे पहले सुनवाई के दौरान अडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने कहा कि दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका के निस्तारण तक मौत की सजा नहीं दी जा सकती। जज ने कहा, 'पीड़ित पक्ष की तरफ से कड़े प्रतिरोध के बावजूद, मेरा विचार है कि किसी भी दोषी के मन में अपने रचयिता से मिलते समय ये शिकायत नहीं होनी चाहिए कि देश की अदालत ने उसे कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने की इजाजत देने में निष्पक्ष रूप से काम नहीं किया।'
दोषियों के वकील से कोर्ट ने कहा- आग से खेल रहे हैं
अदालत ने उसके बाद उनसे कहा कि वह अपने मामले की जिरह के लिए दोपहर लंच के बाद आएं। लंच के बाद की सुनवाई के दौरान अदालत ने सिंह की यह कहते हुए खिंचाई की, 'आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए। किसी के द्वारा एक गलत कदम, और आपको परिणाम पता हैं।' सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्राधिकारियों ने कहा कि दया याचिका दायर होने के बाद गेंद अब सरकार के पाले में है और न्यायाधीश की फिलहाल कोई भूमिका नहीं है।
3 मार्च को सुबह 6 बजे होनी थी फांसी
अदालत ने 17 फरवरी को चारों दोषियों - मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) के खिलाफ नया डेथ वॉरंट जारी करते हुए 3 मार्च को फांसी देने का आदेश दिया था और कहा था कि सजा को और टालना पीड़िता के त्वरित न्याय के अधिकार को 'दूषित' करने जैसा होगा। अदालत ने चारों दोषियों को 3 मार्च को सुबह छह बजे फांसी की सजा देने का आदेश दिया था।