कोरोना वायरस : डरें नहीं फ़र्क समझें। (डॉ ऋतेश मिश्र)


डॉ ऋतेश मिश्र  (संरक्षक - इंडेविन टाइम्स)


अपने भारत देश में भी कोरोना वायरस से प्रभावितों की संख्या लगभग बढ़ती सी जा रही है; हालांकि केंद्र और राज्य सरकारें दोनों मिलकर इस पर काम रही हैं और युद्धस्तर पर इससे निपटने का काम हो रहा है।


इसी बीच बाजार में मास्क और सैनिटाइजर की भी बिक्री भी भरपूर देखने को मिल रही है; दूसरी ओर मौसम में लगातार हो रहे असमय उतार चढ़ाव से मौसमी बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ गया है।


तापमान में लगातार उठापटक से व्यक्ति की इम्युनिटी पर खासा विपरीत प्रभाव पड़ ही जाता है; लेकिन अब तो सामान्य बुखार आने पर भी लोगों में डर सा है, लोग भ्रामक जानकारी भी अनेकों माध्यमों से फैलने का प्रयास भी कर रहे है हालांकि कुछ के सुझाव बड़े ही स्वागत योग्य भी है।


ऐसे में लोग कोरोना वायरस के लक्षण स्पष्ट समझ में न आने की वजह से काफी परेशान हैं।  सामान्य बुखार और कोरोना वायरस के बीच क्या फर्क है इसको लेडी हॉर्डिंग अस्पताल के मेडिसिन विभाग निदेशक प्रोफेसर डॉ अनिल गुर्टू बहुत ही आसान शब्दों में बताते है।


प्रोफेसर डॉ अनिल गुर्टू ने बताया है कि कोरोना वायरस से प्रभावित होने वालों को दो मुख्य लक्षण हैं। पहला पिछले 10 दिन में 104 डिग्री बुखार आया हो और दूसरा लक्षण है खांसी। आम बुखार में जुकाम, नाक बहना, बंद होना, गले का जाम होना और बुखार होता है; जबकि कोरोना में नाक बहना या बंद होना नहीं होता है बल्कि यह वायरस सीधे फेफड़े पर हमला करता है, इसकी वजह से सूखी खांसी यानी बिना बलगम के आती है ।



(आप सभी से अपील है सावधनी बरतिए, हाइजीन का प्रमुखता से ख्याल रखिये एवं अपनी इम्युनिटी को खूब मजबूत रखिये .........डॉ ऋतेश मिश्र)