केंद्र सरकार का ग्राहकों को बड़ा झटका, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3-3 रुपए बढ़ाई


नई दिल्ली


सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3-3 रुपए बढ़ा दी है। यह 14 मार्च से प्रभावी हो गई है। इस फैसले से अर्थव्यवस्था में आई कमजोरी से जूझ रही सरकार को अतिरिक्त धन जुटाने में मदद मिलेगी। साथ ही सरकार को कोरोनावायरस के प्रकोप से बचाव के उपाय करने में मदद भी मिलेगी। पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई है। इसकी वजह से पहले ही तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटा रही हैं। सरकार कीमतें बढ़ाएगी तो तेल कंपनियों द्वारा कम की जा रही कीमतों का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंच पाएगा।


फंड जुटाने के लिए बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी


सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्तीय हालातों में इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य विकास कार्यों के लिए जरुरी फंड जुटाने के उद्देश्य से पेट्रोल-डीजल पर यह अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाई है। सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 2 रुपए प्रति लीटर की स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी लगाई है जबकि 1 रुपए प्रति लीटर का रोड, इंफ्रा सेस लगाया है।


अब पेट्रोल पर होगी 22.98 रुपए प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी


इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर 19.98 रुपए की एक्साइज ड्यूटी लग रही है। अब तीन रुपए की बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी की दर 22.98 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी। इसी प्रकार से दिल्ली में डीजल पर एक्साइज 15.83 रुपए प्रति लीटर की दर से वसूली जा रही है जो अब बढ़कर 18.83 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी।


ढाई महीने में 6 रुपए कम हुई तेल की कीमत


जनवरी से अब तक तेल की कीमतों में 6 रुपए से ज्यादा की कमी की जा चुकी है। सरकार के ऐलान के बाद दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत 63.87 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत 62.58 पैसे प्रति लीटर रही। तेल की बेस प्राइज में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य टैक्स जोड़ने के बाद इसकी कीमत लगभग दोगुनी हो जाती है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेल कंपनियां रोजाना सुबह 6 बजे बदलाव करती हैं।


सरकार को धन जुटाने में मदद मिलेगी


अभी अर्थव्यवस्था में कमजोरी है। ऐसे में एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से सरकार को अतिरिक्त धन जुटाने और कोरोनावायरस के प्रकोप से बचाव के उपाय करने में मदद मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से सरकार के लिए यह फैसला करना संभव हुआ है।