लखनऊ
उत्तर प्रदेश जल निगम भर्ती घोटाले की आंच बढ़ती ही जा रही है। जांच में भर्ती के लिए 175 अभ्यर्थियों के अंक सीधे तौर पर बढ़ाए जाने की पुष्टि हुई है। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसके साथ ही भर्ती के लिए बनाए गए सात साक्षात्कार बोर्ड के 35 सदस्यों पर भी कार्रवाई होगी। इनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। भर्ती प्रक्रिया में खर्च हुए सरकारी धन की रिकवरी दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों से की जाएगी। जल निगम ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करते हुए सभी को बर्खास्त कर दिया था।
सख्त कार्रवाई होगी
जल निगम के प्रबंध निदेशक विकास गोठलवाल के मुताबिक एसआईटी, ट्रिपल आईटी इलाहाबाद और आईआईटी कानपुर की जांच में भर्ती में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। इसके आधार पर ही चयन प्रक्रिया रद्द करते हुए अधिशासी अभियंता के बाद अवर अभियंता व लिपिकभर्ती प्रक्रिया रद्द की गई है। अन्य दोषियों के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।
जल निगम भर्ती घोटाला
- साक्षात्कार बोर्ड के 35 सदस्यों पर भी चल सकता है मुकदमा
- भर्ती प्रक्रिया में खर्च हुई रकम दोषी अफसरों-कर्मचारियों से वसूलेंगे
175 के बढ़वाए अंक
175 ऐसे अभ्यर्थी पाए गए हैं जिनमें सबसे अधिक गड़बड़ी हुई। उन पर केस दर्ज कराया जाएगा। साक्षात्कार के लिए बनाए गए सात बोर्डों के 35 सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए जल निगम बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा।