शिक्षा विभाग के नए शैक्षिक सत्र से आंगनबाड़ी केंद्रों में लगेंगी प्री-प्राइमरी कक्षाएं


लखनऊ


शिक्षा विभाग नए शैक्षिक सत्र से आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री प्राइमरी कक्षाएं लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग का भी सहयोग लेगा। इस संबंध में महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद की अध्यक्षता में बनी कमिटी ने अपनी पांच सिफारिशें शासन को भेज दी हैं।


विजय किरण आनंद ने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में छह साल से ज्यादा बच्चों को दाखिला दिया जाता है। ऐसे में 3 से 5 साल के बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा देने के लिए यह योजना तैयार की गई है, जिसमें पोषण के साथ थोड़ी समझ भी विकसित की जा सके। इसके लिए केंद्र सरकार से 17 करोड़ रुपये का बजट मिल चुका है। उन्होंने बताया कि विभाग प्री प्राइमरी स्कूलों में शिक्षिकाओं और पठन-पाठन को लेकर प्रस्ताव भी मार्च तक शासन को भेज देगा।

1 लाख 80 हजार केंद्रों में लगेगी क्लास


विजय किरण आनंद ने बताया कि प्रदेश के 1 लाख 80 हजार केंद्रों में प्री प्राइमरी कक्षाएं लगाई जाएंगी। ऑपरेशन कायाकल्प की तर्ज पर आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बुनियादी सुविधाओं का ब्योरा इकट्ठा किया जाएगा।

केंद्र से मिले 17 करोड़ रुपये


समग्र शिक्षा अभियान के सीनियर एक्सपर्ट रोहित त्रिपाठी ने बताया कि प्री प्राइमरी कक्षाओं का पाठ्यक्रम एससीईआरटी तैयार कर चुका है। इसके अलावा यूनिसेफ की मदद से तैयार की गई पहल पुस्तिका के आधार पर बच्चों को पढ़ाया जाएगा। वहीं, शैक्षिक कैलेंडर में बच्चों को किस महीने क्या पढ़ाया जाएगा, इसका ब्योरा दिया गया है।

आंगनबाड़ी वर्कर को दी जाएगी ट्रेनिंग


बच्चों को पढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी वर्कर को ट्रेनिंग दी जाएगी। इन्हें ट्रेनिंग देने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार के सीडीपीओ या सुपरवाइजर का चयन स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) के लिए किया जाएगा, जिन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में विकसित किया जाएगा।