रामपुर.
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान व उनके परिवार को सीतापुर जेल में जान का खतरा है। आजम के वकील खलील उल्लाह खान ने यह तर्क देते हुए रामपुर अदालत में अर्जी लगाई। उन्होंने सीतापुर जेल में शिफ्ट किए जाने पर आपत्ति जताई। कहा- हाल ही में सीतापुर जेल भेजे गए कुछ अभियुक्तों की संदिग्ध हालत में मौत हुई है। कोर्ट की अनुमति के बिना जेल प्रशासन ने तीनों नेताओं को सीतापुर जेल 24 घंटे के भीतर ट्रांसफर कर दिया। अर्जी का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने रामपुर जेल अधीक्षक को तलब किया है। जेल अधीक्षक आज अपना जवाब दाखिल करेंगे।
आजम के वकील ने कहा- सीतापुर की जेल में आजम व तंजीन की जान को खतरा है। क्योंकि आजम 72 साल के हो चुके हैं, उन्हें तमाम बीमारियां हैं। जबकि, तंजीन के कई ऑपरेशन हो चुके हैं। दोनों को बेहतर इलाज की आवश्यकता है। सीतापुर जेल में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है। किसी को बिना बताए तीनों नेताओं को सीतापुर शिफ्ट करना एक राजनीतिक षडयंत्र हो सकता है।
गुरुवार को आठ मुकदमों में मिली राहत
आजम खान पर 83 मुकदमे दर्ज हैं। कुछ मामलों में उनकी पत्नी विधायक तंजीन फातिमा व बेटे अब्दुल्ला आजम को भी आरोपी बनाया गया है। गुरुवार को रामपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने आठ मुकदमों में उनकी जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। इसमें एक सैनिकों के अपमान से भी जुड़ा है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 29 जून 2017 को आजम खान पर विवादित टिप्पणी देने के आरोप में केस दर्ज कराया था। अन्य मामले आचार संहिता के उलंघन के हैं। इससे पहले बुधवार को भी पांच मामलों में जमानत मंजूर हुई थी।