कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता रद्द, कोर्ट ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा


उन्नाव. 


उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता बांगरमऊ से विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे द्वारा जारी सूचना के अनुसार, सजा के ऐलान के दिन यानी 20 दिसंबर 2019 से ही उनकी सदस्यता खत्म मानी जाएगी। इससे बांगरमऊ विधानसभा सीट रिक्त हो गई है। इस सीट पर उपचुनाव होगा। लेकिन, इसकी तिथि का ऐलान अभी होना बाकी है।


2017 का था मामला


उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस घटना के बाद जुलाई, 2019 में पीड़ित की कार की ट्रक से भिड़ंत हो गई थी। हादसे में पीड़ित की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। पीड़ित लड़की और उसके वकील तभी से दिल्ली एम्स में भर्ती हैं। फिलहाल, सेंगर तिहाड़ जेल में बंद है।


भाजपा भी पार्टी से कर चुकी है निष्कासित


तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी मानते हुए कहा था कि एक ताकतवर इंसान के खिलाफ पीड़ित का बयान सच्चा और निष्कलंक है। भाजपा ने एक अगस्त 2019 को सेंगर को पार्टी से निकाल दिया था। कोर्ट ने इस मामले में सह-आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया था।


20 दिसंबर को कोर्ट ने सुनाई थी सजा


सामूहिक दुष्कर्म के 2 साल पुराने मामले में दोषी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (53) को दिल्ली के कोर्ट ने 20 दिसंबर को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि उसे मृत्यु तक जेल में रखा जाए। सेंगर पर 25 लाख रु. जुर्माना भी लगाया गया था।