लखनऊ.
राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट की तर्ज पर मस्जिद निर्माण के लिए भी ट्रस्ट के गठन की कवायद तेज हो गई है। इसको लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से मस्जिद के लिए ट्रस्ट बनाए जाने को लेकर आज लखनऊ में एक अहम बैठक बुलाई गई है। बोर्ड से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ट्रस्ट का नाम इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन रखे जाने पर विचार हो रहा है। यही ट्रस्ट अयोध्या में मस्जिद निर्माण और संचालन की औपचारिकताएं पूरी करेगा। इसका औपचारिक ऐलान आज (सोमवार) सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में होने की संभावना है। इसी दौरान ट्रस्ट के सदस्यों के नामों का भी ऐलान किया जा सकता है।
बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि इस फाउंडेशन में मस्जिद मामले में मध्यस्थता करने वाले लोगों के अलावा सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। ट्रस्ट में कुल सात सदस्यों के शामिल किए जाने की संभावना है। चर्चा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष ही इस ट्रस्ट का पदेन अध्यक्ष होगा। फिलहाल, सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी इसके अध्यक्ष हैं। बैठक को लेकर बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी ने सिर्फ इतना कहा है कि 24 फरवरी को लखनऊ में बैठक बुलाई गई है। इसमें तय किया जाएगा कि जमीन पर क्या निर्माण किया जाएगा और ट्रस्ट के कामकाज की क्या रूपरेखा होगी।
सूत्रों का कहना है कि ट्रस्ट का काम कोर्ट के आदेश पर मिली 5 एकड़ जमीन पर अस्पताल, विद्यालय, इस्लामिक कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ाने वाले इंस्टिट्यूट, लाइब्रेरी, पब्लिक यूटिलिटी इनफ्रास्ट्रक्चर बनाने से लेकर दूसरी तरह की सामाजिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इस ट्रस्ट के जरिए सुन्नी वक्फ बोर्ड भारत में दोनों समुदायों के बीच सामंजस्य बनाने के कार्यक्रम भी चलाएगा।
यूपी सरकार ने दी थी जमीन
इससे पहले पांच फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया गया, उसी दिन योगी सरकार ने मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने श्रीराम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद केस में बीते साल 9 नवंबर को फैसला सुनाया था। इसमें राज्य सरकार को पांच एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष को देने के आदेश दिए थे।