पुरानी पेंशन की लड़ाई अंतिम क्षणों तक लड़ेगा अटेवा

अमेठी


हरिकेश यादव -संवाददाता( इंडेविन टाइम्स)



(फोटो -अटेवा संयोजक मंजीत यादव)


समान कार्य के लिए समान  नियम की बात तो संविधान में निहित है जब भी कोई नियम पुराना या अर्थहीन हो जाता है तो उसे संशोधन द्वारा बदलकर पुनः जनहित  के लिए लागू किया जाता है।अटेवा संयोजक मंजीत यादव ने कहा जब देश में एक प्रकार की कर व्यवस्था ,जीएसटी ,धारा 370, तीन तलाक की व्यवस्था को भारतवासियों के हित को देखते  हुए एक झटके से  भारत सरकार द्वारा हटाया जा सकता है । वर्तमान सरकार आज समान नागरिक संहिता को लागू करने की बात कर रही है तो क्यो  इस देश में  विधायकों ,सांसदों एवं आर्मी को पुरानी पेंशन मिल रही है | तो फिर सीआरपीएफ  व अन्य कर्मचारियों को नवीन पेंशन देने के लिए बाध्य किया जा रहा है।


यह सरासर गलत है देश के 60 लाख परिवारों के जो लोग नौकरी करते है उनको नही पता  कि पेंशन नही है जो एनपीएस कटता है वह प्राइवेट कम्पनी को जाता है उसके प्रति सरकार की कोई जबाबदेही नही है ऐसे में सरकार लोगों की भावनाओं से खेल रही है |आने वाला दिन पेंशन विहीन कर्मचारियों के लिए  बहुत ही दुखद होगा पेंशन ही बुढ़ापे की लाठी होती है उसी के सहारे  शेष जीवन को आसानी से  जिया जा सकता है |


आज देश की 60 प्रतिशत आबादी माध्यम वर्ग की है जिसे आज भी सरकारी नौकरी के प्रति बहुत आर्कषण है और हम लोग (कर्मचारी शिक्षक) ही आपके लोकप्रशासन व अन्य योजना परियोजना सुरक्षा शिक्षा के लिए जीवन भर कार्य करेगे और बुढ़ापा मे दर दर की ठोकर खायेगे तो देश संविधान का बहुत बड़ा अपमान होगा | क्योकि हमे गर्व है कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश व सबसे बड़े लोककल्याणकारी राज्य के नागरिक है |


पेंशन से सरकार को कोई टेंशन नही है वर्तमान में सभी राजनीतिक दल का एक मात्र सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य होता है सत्ता मे बने रहना और उसके लिए बहुत कुछ नही करना है |  मात्र एक अधिनियम लाना है जिससे देश का हर नागरिक खुश ही होगा ,नाराज कोई नही और सरकार पर कोई भार नही | इससे पूँजीपति तो थोड़े समय के लिए नाराज सकते हैं जो चन्द  लोग हैं । यदि सरकार का झुकाव सरकारी कर्मचारियों के प्रति है तो सरकार को कर्मचारियों की पुरानी पेंशन आंदोलन को देखते हुए उसे लागू कर दिया जाना चाहिए । जिससे रिटायरमेंट के बाद  उनको एक निश्चित धनराशि मिल सके  और उनका बुढ़ापा आसानी से कट सके ।


आपके इस आदेश से देश के युवाओं में एक अच्छा संदेश जाएगा | जिससे  लोग पढ़ लिख कर  सरकारी नौकरियों के प्रति आकर्षित होंगे अन्यथा  उनका सरकारी नौकरियों से मोहभंग हो जाएगा ।अटेवा अमेठी के प्रतिनिधियों ने  विधायकों द्वारा पुरानी पेंशन की मांग उठाए जाने की प्रशंसा की है उनका मानना है कि अटेवा का संघर्ष अब लोगों को जागरूक कर रहा है आने वाला समय तय करेगा  जो पुरानी पेंशन बहाल करेगा वही देश पर राज करेगा।