कभी मुंबई में बेच रहा था गोलगप्पे, आज IPL ने बनाया यशस्वी जायसवाल को करोड़पति


नई दिल्ली


भारतीय क्रिकेट में उभरते हुए युवा सितारों में यूं तो कई नाम चर्चित हैं। भारत की अंडर 19 क्रिकेट टीम के कप्तान प्रियम गर्ग, ध्रुव चंद जुरेल और यशस्वी जायसवाल का नाम खूब सुर्खियां भी बटोर रहा है। लेकिन यशस्वी जायसवाल कई खास कारणों से खेल प्रेमियों का दिल और ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। गुरुवार को आईपीएल नीलामी में जब 20 लाख रुपये बेस प्राइज वाले इस खिलाड़ी को राजस्थान रॉयल्स ने जब 2.4 करोड़ रुपये की बोली लगाकर अपने खेमे में किया तो एक बार फिर उनके संघर्षों की याद ताजा हो गई।


संघर्ष से सफलता का नाम हैं युवा यशस्वी जायसवाल


जायसवाल कड़ी मेहनत कर विजेता बनने वालों में वह नाम हैं, जो कई कड़े संघर्षों के बाद क्रिकेट के मैदान पर अपनी सफलता की कहानी लिख रहे हैं। यशस्वी इन दिनों भारतीय अंडर-19 टीम में बतौर ओपनर क्रिकेट खेलते हैं और वह अंडर 19 वर्ल्ड कप मिशन में जाने वाली टीम इंडिया में अहम खिलाड़ी भी हैं। लेकिन अभी तक खुद को एक कामयाब क्रिकेटर बनाने की राह पर ला चुके जायसवाल एक जमाने में मुंबई के आजाद मैदान के बाहर गोलगप्पे बेचा करते थे।


मुंबई में बेचे गोलगप्पे


कम ही लोग जानते हैं कि मुश्किल वक्त में यशस्वी अपना खर्च चलाने के लिए मुंबई के आजाद मैदान पर पानी-पूरी बेचते थे। यशस्वी का यह चुनौती भरा सफर आसान नहीं था। इस बारे में उन्होंने एक बार कहा था, 'मुझे यह अच्छा नहीं लगता था क्योंकि जिन लड़कों के साथ मैं क्रिकेट खेलता था, जो सुबह मेरी तारीफ करते थे, वही शाम को मेरे पास गोलगप्पे खाने आते थे। यशस्वी ने कहा कि उन्हें ऐसा करने पर बहुत बुरा लगता था लेकिन उन्हें यह करना पड़ा क्योंकि उन्हें जरूरत थी।'


11 साल की उम्र में आए मुंबई


साल 2013 में यशस्वी तब सिर्फ 11 साल के थे, जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले भदोही से मुंबई तक का सफर किया। तब उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ यही सोचकर आया था कि मुझे बस क्रिकेट खेलना है और वह भी सिर्फ और सिर्फ मुंबई से।' यशस्वी ने बताया था कि जब एक टेंट में रहते हैं तो आपके पास बिजली, पानी, बाथरूम जैसी सुविधाएं भी नहीं होती।