ग्रेटर नोएडा
1500 करोड़ रुपये से अधिक के बाइक बोट घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। कंपनी का मालिक संजय भाटी फ्रॉड करने वालों का रोल मॉडल बन चुका था। उससे प्रभावित होकर कई अन्य लोगों ने भी ऐसी कंपनी बनाकर फ्रॉड किया। इनमें से नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 3 से अधिक कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। इनके निवेशक अपनी रकम वापस पाने के लिए थानों के चक्कर काट रहे हैं। कहा जा रहा है कि मामला सीबीआई के पास जाने के बाद अब इस केस में कई अन्य बड़े चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं।
करोड़ों की ठगी करने वाला संजय भाटी दनकौर के पास स्थित चीती गांव का रहने वाला है। उसके पिता यूपी पुलिस के रिटायर दारोगा हैं। दूसरी जाति की लड़की से लव मैरिज के कारण संजय को उसके पिता ने अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया था। वर्ष 1998 में काशीपुर से कैमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके संजय ने जनवरी 2010 में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी खोली थी। वर्ष 2017 में बाइक बोट के नाम से स्कीम शुरू की। इसमें एक बाइक पर 62100 रुपये निवेश करने पर एक साल में 1 लाख 17 हजार 180 रुपये मासिक किस्तों में लौटाए जाने की योजना थी।
कई राज्यों के लोगों ने किया निवेश
बाइक बोट स्कीम लॉन्च होने के कुछ ही दिनों में यूपी के विभिन्न जिलों से होती हुई राजस्थान, गुड़गांव, रोहतक, पानीपत, पंजाब, मध्य प्रदेश, इंदौर, महाराष्ट्र और उत्तराखंड तक फैल गई। कंपनी में 2 लाख 25 हजार से अधिक निवेशक फंसे हुए हैं। अब तक 1500 करोड रुपये से अधिक का फ्रॉड सामने आ चुका है। फिलहाल इसकी जांच एसआईटी कर रही थी। अब सीबीआई मामले को अपने हाथ में लेगी। यमुना अथॉरिटी एरिया के 126 करोड़ रुपये के जमीन खरीद घोटाले के बाद जिले का यह दूसरा सबसे बड़ा मामला है, जिसे सीबीआई ने अपने हाथ में लिया है।