राय बरेली.
मानव जैसी स्पाइन टेक्नोलॉजी वाले दुनिया के पहले रोबोट का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश के राय बरेली स्थित रेल कोच फैक्टरी में किया जाएगा। दावा है कि स्वदेशी ह्यूमैनॉयड रोबोट 'सोना 1.5 के इस्तेमाल से फैक्टरी आधुनिकीकरण के नए मानक स्थापित करेगी। इसका परीक्षण 18 नवंबर को किया जा चुका है।
रोबोट का इस्तेमाल दस्तावेजों को एक स्थान से दूसरी जगह लाने, विजिटर्स का स्वागत करने, टेक्निकल डिस्कशन और ट्रेनिंग में होगा। रोबोट को जयपुर के कंपनी ने बनाया है। सबसे महत्वपूर्ण बात इसका डॉकिंग प्रोग्राम है। इसकी मदद से यह बैटरी कम होने पर अपने आप चार्जिंग प्वाइंट पर पहुंच जाता है।
सोना 1.5 अपने रास्ते खुद तलाशता है
रोबोट खुद का संतुलन कायम रख सके इसके लिए मानव जैसी स्पाइन टेक्नोलॉजी विकसित की गई है। इस टेक्नोलॉजी के कारण सोना 1.5 अपने समकालीन दूसरे रोबोट से अलग है। नेविगेशन और मैपिंग टेक्नोलॉजी से कनेक्टिविटी के कारण यह अपने रास्ते खुद तलाश सकता है। टारगेट निश्चित किए जाने पर यह खुद ही वहां पहुंच जाता है।
अंधेरे में भी काम कर सकता है
इसे लैपटॉप और स्मार्टफोन से वाई-फाई के जरिये दिशानिर्देश दिए जा सकते हैं। इसमें मौजूद अल्ट्रासॉनिक, टच, लेजर जैसे सेंसर इसे घुप अंधेरे में भी काम करने में सहायता करते हैं।