उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोशन में प्राविडेंट फंड घोटाला ,सड़कों पर उतरे बिजलीकर्मी

 



लखनऊ.


 को लेकर इंजीनियर्स के साथ बिजली विभाग के कर्मचारियों का धैर्य अब जवाब दे गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले इस घोटाला के विरोध में गुरुवार को लखनऊ की सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में बिजली विभाग के कर्मचारियों के साथ उनके परिवार के लोग भी सड़क पर उतरे।


विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर गुरुवार को सैकड़ों की तदाद में बिजली कर्मचारी व अभियन्ता न्याय पाने के लिए राजधानी लखनऊ की सड़कों पर उतरे। रैली में बड़ी संख्या में बिजली कर्मचारियों के परिवार की महिलायें एवं बच्चे भी रैली में शामिल हुए। अपने भविष्य को लेकर चिन्तित बच्चे रैली में सबसे आगे चल रहे थे। 


कर्मचारियों की यह रैली राणा प्रताप मार्ग पर हाईडिल फील्ड हास्टल से प्रारम्भ होकर सिकन्दरबाग चैराहा होते हुए शक्तिभवन पहुंची। शक्ति भवन पर आक्रोशित बिजली कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की।  रैली के बाद हुई सभा में निर्णय लिया गया कि यदि सरकार बिजलीकर्मियों के पीएफ भुगतान की गारण्टी लेने की मांग पूरी नहीं की गई तो प्रदेश के तमाम बिजली कर्मचारी एवं अभियंता 18 व 19 नवम्बर को 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार करेंगे। 


बिजलीकर्मियों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि शांतिपूर्ण आंदोलन के कारण किसी भी कर्मचारी का उत्पीडऩ किया गया तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम अधिकारी व कर्मचारी बिना और कोई नोटिस दिये उसी समय सीधी कार्यवाही के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार एवं प्रबन्धन की होगी।


उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के एक लाख से अधिक कर्मचारियों की सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ)और अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ) के 2267.90 करोड़ रुपये दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में फंस गए हैं। कर्मचारियों और विपक्षी नेताओं ने यह मुद्दा उठाया तो सरकार ने कई कार्रवाइयां कीं। मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसके लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे।