टेक्निकल इंटरमीडिएट कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय गाइडेंस एवं काउंसलिंग वर्कशॉप का शुभारंभ।


लखनऊ।


विजय नगर स्थित टेक्निकल इंटरमीडिएट कॉलेज में जनपद की प्रथम अंतर्राष्ट्रीय गाइडेंस एवं काउंसलिंग वर्कशॉप का शुभारंभ हुआ। 27 से आरंभ होकर 29 नवम्बर तक चलने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय वर्कशॉप के मुख्य आकर्षण, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त काउंसलर "भारत रत्न हेतु नामित" एवं 48 घंटे लगातार बोलने के लिए लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डॉ गौरव सक्सेना हैं। अनेक मैडल एवं उपाधियों से विभूषित डॉ सक्सेना देश विदेश में भारत का नाम रोशन कर चुके हैं। वर्कशॉप का शुभारंभ मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया।


तत्पश्चात माँ सरस्वती के पूजन वंदन के साथ वर्कशॉप के प्रथम सत्र का शुभारंभ हुआ। विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ देवेंद्र कुमार गर्ग ने माला पहनाकर एवं बुके देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। यहाँ पर एक बिंदु उल्लेखनीय है कि डॉ सक्सेना इसी विद्यालय के पूर्व छात्र रह चुके हैं। सत्र का आरम्भ डॉ सक्सेना ने अपना सूक्ष्म परिचय देते हुए किया एवं अपनी मातृ संस्था के प्रति अपने उत्तरदायित्व के संकल्प को दोहराया।
 


वर्कशॉप की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ देवेंद्र कुमार गर्ग ने डॉ सक्सेना का हार्दिक अभिनंदन किया एवं विद्यालय के छात्रों हेतु अपना बहुमूल्य समय योगदान करने हेतु उनका ह्रदय से आभार भी ज्ञापित किया। वर्कशॉप में बोलते हुए डॉ गर्ग ने बताया कि पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही साथ छात्रों के लिए आध्यात्मिक, सामाजिक, नैतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान का भी अत्यधिक महत्व है। इस तरह के गाइडेंस एवं काउंसलिंग वर्कशॉप से छात्रों का चहुमुखी विकास सुनिश्चित होता है एवं उनमे मानवीय गुणों का समावेश होता है।
       


वर्कशॉप के प्रथम दिन के प्रथम सत्र का आयोजन छात्र-छात्राओं व शिक्षकों हेतु संयुक्त रूप से किया गया जिसमे प्रश्नोत्तर पद्धति के माध्यम से छात्र-छात्राओं से उनके समक्ष आने वाली शैक्षिक, गैरशैक्षिक,सामाजिक व वैयक्तिक कठिनाइयों के बारे चर्चा की गयी। प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए डॉ सक्सेना ने छात्र जीवन के मुख्य आधार के विषय में बताया। संस्कृत के श्लोक "काक चेष्टा,वको ध्यानम, स्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी, गृहत्यागी विद्यार्थिनः पंचलक्षणं।। का उल्लेख एवं व्याख्या करते हुए डॉ सक्सेना ने बतलाया कि कैसे पहले एक योग्य छात्र और फिर एक योग्य मानव बनना है तथा योग्य छात्र बनने के लिए आवश्यक तत्त्व कौन से हैं।प्रथम सत्र में छात्रों को शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य, इंद्रिय संयम, योग एवं व्यायाम, मानसिक दृढ़ता,करियर का चयन,राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा एवं चुनौतियों के बारे में जानकारी दी गयी।
     


द्वितीय सत्र का आयोजन विशेष रूप से शिक्षक शिक्षिकाओं हेतु किया गया जिसमें शिक्षा मनोविज्ञान, शिक्षक-छात्र सम्बन्ध, छात्र हित, शिक्षक एवं शैक्षिक विषयवस्तु,कक्षा एवं व्यवहारिक शिक्षण, आदर्श शिक्षक के गुण एवं शैक्षिक दायित्वों की चर्चा की गयी।