घर के अंदर सिर्फ पेड़ लगानेभर से ही शुद्ध हवा नहीं मिलती। अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्च में यह दावा किया गया है। घर के मुकाबले प्रदूषण पैदा करने वाली फैक्ट्रियों के आसपास लगे पेड़ ज्यादातर तरीके से हवा को प्यूरीफाई कर पाते हैं। यह शोध सामने आने के बाद बहस तेज हो गई है कि पेड़-पौधे वातावरण को शुद्ध करने की क्षमता रखते हैं या नहीं?
जर्नल एन्वार्यनमेंट साइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार, पेड़-पौधों को फैक्ट्रीज और अन्य प्रदूषण स्रोतों के पास लगाने से वायु प्रदूषण में औसतन 27% की कमी आ सकती है। लेकिन अमेरिका के ड्रेक्सल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक, हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पौधों की क्षमता उतनी नहीं है जितनी की होनी चाहिए है। आज के प्रदूषण और जहरीली गैसों को कुछ पेड़-पौधे शुद्ध करने में विफल होते नजर आ रहे हैं।
पौधे लगाने के साथ घर का हवादार होना जरूरी
- ड्रेक्सल विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर माइकल वॉरिंग के मुताबिक, यह धारणा गलत साबित हो रही है कि पेड़-पौधे प्रदूषण कम करने या हवा की गुणवत्ता सुधारने में मदद करते हैं। खासकर इनडोर प्लांट्स को किए जाने वाले दावों में कमी आई है। वॉरिंग के मुताबिक घर में रखे एक-दो पौधे हवा को शुद्ध नहीं कर सकते हैं। अगर आप घर की हवा को साफ करना चाहते हैं तो प्रति वर्ग मीटर कम से कम 10 पौधे होने चाहिए।
- ड्रेक्सल विश्वविद्यालय के अन्य शोधकर्ताओं के अनुसार, दशकों से किए गए शोध में पाया गया कि पौधे घरों और दफ्तरों की हवा में सुधार करते हैं लेकिन इनके रोशनदान और खिड़कियों से मिलने वाली प्रकृतिक हवा ज्यादा बेहतर काम करती है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में पिछले एक साल में कई बार 'गंभीर' या 'गंभीर प्लस' श्रेणियों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के साथ दुनिया के शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में से छठवे स्थान रहा है। इसमें देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र को शामिल किया गया है।
- वारिंग और शोध में शामिल, ब्रायन कमिंग्स ने अपने निष्कर्ष में बताया कि 30 सालों के शोध में एक दर्जन अध्ययनों की समीक्षा की कई बातें सामने आईं। घर और ऑफिस की तरह इनडोर वातावरण में प्राकृतिक हवा या वेंटिलेशन जहरीली हवा को काटने का काम करता है। घरों या दफ्तरों के भीतर होने वाले वायु प्रदूषण को पेड़-पौधे उतनी तेजी से कम नहीं कर पाते है।
- ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि कई औद्योगिक स्थलों, रोडवेज, बिजली संयंत्रों, वाणिज्यिक बॉयलर और तेल और गैस ड्रिलिंग साइटों के पास हवा को साफ करने के लिए पेड़-पौधे कारगार साबित हुए हैं।
- ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 48 अमेरिकी राज्यों में यह शोध की है। शोधकर्ता प्रोफेसर भविक बख्शी ने कहा कि आज हमारी सोच टेक्नोलॉजी पर ही आधारित हो गई है न कि प्राकृतिक। यह खोज इसलिए महत्वपूर्ण क्योंकि हमें प्रकृति को समझना और उससे सीखना होगा। हम पेड़-पौधों के जरिए कम खर्च में वायु प्रदूषण से जीत सकते हैं।