आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले कुछ सालों में कंपनी की बिक्री में कमी देखने को मिली है। जब कंपनी का प्रदर्शन अपने चरम पर था उस समय कंपनी की सेल 2017 को खत्म हुए वित्त वर्ष में 10,500 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2018 में यह 10 फीसदी गिरकर 8135 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। बालकृष्ण ने कहा कि हमने इस तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया है और आने वाली तिमाहियों में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि पतंजलि नई कैटेगरी में उतरने और अपने रिटेल क्षेत्र का दायरा बढ़ाने की बजाय अपनी खोई जमीन को पाने पर जोर देगी। खबर के अनुसार बालकृष्ण ने कहा कि हमनें रिसर्च और डेवलपमेंट में भारी निवेश किया है। नीलसन के अनुसार पिछले महीने जारी तिमाही रिपोर्ट में एफएमसीजी सेक्टर ओवरऑल 7.3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ा है।
इससे पहले वह पिछले साल की समान तिमाही में 16.2 फीसदी की रफ्तार से वृद्धि कर रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण भारत में खपत में बढ़ोतरी पिछले 7 साल में सबसे कम 7 फीसदी रही।