सारनाथ में बना 50 फीट ऊंचा शांति स्‍तूप, प्राण प्रतिष्ठा के बाद 19 नवंबर को दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा


वाराणसी


भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली सारनाथ में 50 फीट ऊंचा शांति स्‍तूप स्‍थापित किया गया है। प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद 19 नवंबर को इसे आमजन के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। सारनाथ में महाबोधि इंटर कॉलेज परिसर में चार साल में बनकर तैयार हुआ शांति स्‍तूप विश्‍व का पहला ऐसा स्‍तूप है, जिसका निर्माण तिब्‍बती पद्धति से भारतीय कलाकृति में हुआ है।


स्‍तूप में चुनार के बलुआ पत्‍थर लगे हैं और इसकी आयु करीब एक हजार साल मानी गई है। स्‍तूप के सबसे ऊपर सूर्य व चंद्र से सुसज्जित मुकुट है। इसके नीचे चार स्‍टेज में 64 द्वार हैं, जो भगवान बुद्ध के उपदेश प्रसारित होने के प्रतीक हैं। इसके बाद सेंटी (सिंहासन) पर शेर व धर्मचक्र को उकेरा गया है। भारतीय कलाकृति में हाथी, बंदर, फूल-पत्ती व कमल फूल बने हैं तो सबसे नीचे बामन देवता द्वारा स्‍तूप को उठाए रखने की तस्‍वीर है। यह धरती को स्थिर रखने का प्रतीक है।


स्‍तूप के 19 नवंबर को उद्घाटन से पहले सोमवार को नेपाल से आए निगमा समुखेम्‍प नामडोर्ल रिनपोछे के निर्देशन में प्राण प्रतिष्‍ठा पूजा हुई। इस दौरान भिक्षु डाकपा, भिक्षु ग्‍यालसेन, देव नारायण, सहित बड़ी संख्‍या में बौद्ध भिक्षु व तिब्‍बती छात्र मौजूद थे।