रेल का सफर जल्द ही महंगा हो सकता है। भारतीय रेलवे रेल के किराए में बढ़ोतरी करने जा रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब जल्द ही किराए में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे किराए में बढ़ोतरी को लेकर एक पॉलिसी बना रहा है और इसके इस महीने के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इस पॉलिसी में रेल किराए में बढ़ोतरी की घोषणा भी हो सकती है।
8-10 फीसदी तक बढ़ सकता है किराया
सूत्रों के मुताबिक रेलवे किराए में 8-10 फीसदी इजाफे की तैयारी में है। सरकार यात्री रेल किराए में बढ़ोतरी से क्रॉस सब्सिडी को कम करना चाहती है। क्रॉस सब्सिडी का मतलब है कि माल भाड़े से हुई कमाई को यात्री किराए में हुए घाटे में लगाकर भरपाई करना। रेलवे नए फॉर्मूले पर काम कर रही है जिसके अनुसार जिस रूट पर सबसे यात्री होंगे, वहां के किराए में ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है।
ऑपरेटिंग रेश्यो को सही करना बताया कारण
रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो लगातार बिगड़ता जा रहा है। पिछले 7 महीने में यानी अप्रैल-अक्टूबर तक भारतीय रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो 108% रहा है। ऑपरेटिंग रेश्यो का मतलब होता है कि रेलवे 1 रुपए कमाने के लिए कितने पैसे खर्च करती है। अगर ये आंकड़ा 100 के पार है इसका मतलब है कि रेलवे का खर्च, रेलवे की कुल आय से कहीं ज्यादा है। और ये अच्छा संकेत नहीं है।
2016 में भी बढ़ाया था किराया
इसके पहले साल 2014, जून में भी मोदी सरकार ने रेल किराए में बढ़ोतरी की थी. तब यात्री किराए में 14.5 प्रतिशत तक का इजाफा किया था, जबकी मालभाड़े में 6.5 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया था. तब भी सरकार ने रेलवे की बिगड़ती आर्थिक स्थिति का जवाब देते हुए फैसले को जायज ठहराया था.