राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को दोबारा क्लीन चिट, बीजेपी का कांग्रेस पर हमला


नई दिल्ली
राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को दोबारा क्लीन चिट मिलने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दायर की गईं पुनर्विचार याचिकाएं खारिज होने को पार्टी ने सत्य की जीत बताया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के राफेल विरोध के पीछे सोची-समझी साजिश थी। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट में कॉन्ट्रैक्ट लेने का कांग्रेस का इतिहास रहा है। जो लोग कॉन्ट्रैक्ट में सफल नहीं हुए, उन्होंने कोशिश की थी कि इसे भी लेट कराओ।


रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भ्रष्टाचार में डूबी कांग्रेस झूठ का प्रचार कर रही है। प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश की सुरक्षा के लिए सेना को उचित टेक्नॉलजी मिले, उचित मटीरियल, आयुध मिले। सुप्रीम कोर्ट में हारने के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी ने राफेल डील को लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाया था। राफेल डील पर हर नियम का पालन हुआ लेकिन कांग्रेस ने प्रायोजित कार्यक्रम किया। प्रसाद ने कहा कि राफेल पर कांग्रेस के लोग चुनाव में हारे और अब रिव्यू पर भी हार गए।


प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने ऑफसेट को लेकर झूठ बोला, यह झूठ बोला कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने पीएम को चोर कहा है, जिसका राष्ट्रपति ने ही खंडन कर दिया। राहुल ने पार्लियामेंट में झूठ बोला कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि डील को डिस्क्लोज कर सकते हैं जबकि फ्रांस सरकार ने खंडन किया। राहुल ने झूठ कहा कि कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी को लूप में नहीं रखा।


पीएम मोदी की छवि बिगाड़ने की साजिश: BJP
उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले से NDA सरकार का स्टैंड सही साबित हुआ है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी और उनकी सरकार की ईमानदार छवि को बिगाड़ने के लिए झूठे आरोप लगाए गए। राजनाथ ने ट्वीट कर कहा कि यह फैसला लेने की प्रक्रिया में हमारी सरकार की पारदर्शिता पर भी जजमेंट है।

राजनाथ ने लिखा, राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीति न हो
राजनाथ ने लिखा कि राफेल जेट की खरीद पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हुई और इस दौरान भारत की रक्षा जरूरतों को मजबूत करने और अपडेट करने की अति-आवश्यकता को भी ध्यान में रखा गया। उन्होंने कहा कि रक्षा तैयारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर कभी भी राजनीति नहीं होनी चाहिए।