प्रतापगढ़.
प्राइमरी शिक्षकों के टैलेंट को परखने के लिए निकले जिलाधिकारी के सामने चौकाने वाली सच्चाई सामने आई। बुधवार को डीएम मार्कंडेय शाही कुंडा तहसील के लक्ष्मण ब्लॉक स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय लक्ष्मणपुर पहुंचे। डीएम ने यहां बच्चों से पूछा- 77, 78 और 69 में कौन की बड़ी संख्या है? बच्चे नहीं बता सके तो सवाल हेडमास्टर जयप्रकाश से किया गया। लेकिन वे बोले कि हम गणित विषय नहीं पढ़ाते। डीएम ने सवाल बदलते हुए उनसे पंजाब, तमिलनाडु और नगालैंड की राजधानी बताने को कहा। इसका जो उत्तर मिला, वह हैरान करने वाला था।
हेडमास्टर ने पंजाब की राजधानी चंदौली (उत्तर प्रदेश का जनपद), तमिलनाडु की पंजाब और नगालैंड की राजधानी कश्मीर बताई। हैरान करने वाली बात यह है कि यही गलत जानकारी बच्चों को पढ़ाया भी जा रही थी। जबकि सही उत्तर पंजाब की राजधानी चंडीगढ़, तमिलनाडु की चेन्नई और नगालैंड की कोहिमा है। विद्यालय के हेडमास्टर जयप्रकाश वर्ष 2010 में तत्कालीन राज्यपाल से राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। जिलाधिकारी ने शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रधानाध्यापक जय प्रकाश के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की। डीएम ने बीएसए को शिक्षक को किसी और ब्लॉक में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।
शिक्षक नहीं लिख सके गुड ऑफ्टरनून
हेड मास्टर के बाद डीएम ने शिक्षक रामदीन गुप्ता से अंग्रेजी में गुड ऑफ्टरनून लिखवाया। लेकिन सही तरह से स्पेलिंग लिख नहीं सके। जवाब दिया कि, वे गणित विषय के अध्यापक हैं। जिस पर डीएम ने उनसे 17 का पहाड़ा सुनने की इच्छा जताई। लेकिन शिक्षक ने हाथ जोड़ लिया। हालांकि, 13 का पहाड़ा सुनाने में शिक्षक कामयाब रहे। लेकिन हौसला बढ़ाने के बाद भी 17 का पहाड़ा सुना नहीं पाए। डीएम ने शिक्षक को सुधार लाने की हिदायत दी |
डीएम ने कई कर्मियों का रोका वेतन
डीएम के निरीक्षण के दौरान स्कूल में पंजीकृत 106 छात्र-छात्राओं में मात्र 20 उपस्थित मिले। इसके अलावा जिलाधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय लक्ष्मणपुर का निरीक्षण किया। यहां लेखाकार बृजेश तिवारी, कंप्यूटर आपरेटर शुभम तिवारी, कुलदीप कुमार व अनुचर अनुपस्थित मिले। डीएम ने वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है।