कश्मीर तब से आईएस जैसे आतंक का सामना कर रहा है, जब पश्चिमी देशों को आतंक के बारे में पता भी नहीं था-भारतीय स्तंभकार सुनंदा


वॉशिंगटन. 
अमेरिकी संसद में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के मानवाधिकार हालात पर सुनवाई हुई। इसमें स्तंभकार (कॉलम्निस्ट) सुनंदा वशिष्ठ ने भारत का पक्ष रखा। सुनंदा ने कहा कि कश्मीर तब से इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसे आतंक का सामना कर रहा है, जब पश्चिमी देशों को आतंक के बारे में पता भी नहीं था। उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक साख काफी ऊंची है। हमने पंजाब और पूर्वोत्तर राज्यों में आतंकवाद को हराया है। अब समय है कि कश्मीर के आतंकवाद को हराने के लिए नई दिल्ली को मजबूती दी जाए।” 


'कश्मीरी पंडितों के दर्द पर पूरी दुनिया चुप थी'


सुनंदा ने टॉम लैंटन ह्यूमन राइट्स कमीशन के सामने कहा, “कश्मीर के आतंक के खिलाफ लड़ाई से ही वहां की मानवाधिकार समस्या को खत्म किया जा सकता है।” उन्होंने 1990 में कश्मीरी पंडितों को राज्य से निकाले जाने के वाकये को याद करते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि आज कश्मीर पर अमेरिकी कांग्रेस में सुनवाई हो रही है, क्योंकि जब मैंने और मेरे परिवार ने अपना घर खोया, तब पूरी दुनिया चुप रही थी।” कांग्रेस कमेटी के सामने सवाल उठाते हुए वशिष्ठ ने कहा, “जब हमारे अधिकार छीने जा रहे थे, तब मानवाधिकार के समर्थक कहां थे?” 


सुनंदा ने यह भी कहा, “1990 में कश्मीरी पंडितों को जब निकाला जा रहा था तो उन्हें तीन विकल्प दिए गए: भाग जाओ, धर्म परिवर्तन करा लो या मर जाओ। करीब 4 लाख कश्मीरी हिंदू उस दहशत की रात में अपना घर छोड़कर भागने के लिए मजबूर हुए थे। आज 30 साल बाद भी मैं अपने घर नहीं लौट सकती। कश्मीर में मेरे और मेरे समुदाय के लोगों के घर पर अवैध कब्जे हैं। जो लोग घर छोड़कर नहीं भागे थे, वे या तो मार दिए गए या लूट लिए गए।”


'कश्मीर में जनमत संग्रह कभी नहीं होगा'
कश्मीर में जनमत संग्रह के सवाल पर सुनंदा ने कहा, “यह तभी संभव है जब सभी समुदाय फैसले के लिए साथ जुटें, लेकिन कश्मीर का एक हिस्सा भारत के साथ है, दूसरे पर पाकिस्तान का कब्जा है और एक हिस्से पर चीन ने अवैध हक जता रखा है। ऐसे में कश्मीर में कभी जनमत संग्रह नहीं हो सकता। भारत ने कश्मीर पर कभी कब्जा नहीं किया। यह भारत का ही अंग था और है। पाकिस्तान की तरह भारत की पहचान 70 साल पुरानी नहीं है। हम 5000 साल पुरानी सभ्यता हैं। इसलिए कश्मीर के बिना भारत नहीं और भारत के बिना कोई कश्मीर नहीं।'' 


कश्मीर में मौतों का कारण पाकिस्तान के आतंकी


जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को मौतों की वजह बताते हुए सुनंदा ने कहा, “विश्व समुदाय का दोहरा रवैया भारत की कोई मदद नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को आतंकवाद खत्म करने में भारत की मदद करनी होगी, जिससे मानवाधिकार की स्थिति सुधरेगी।”

अमेरिकी सांसदों को कश्मीर दौरा करने दिया जाए: शीला जैक्सन


सुनवाई के दौरान टेक्सास की प्रतिनिधि शीला जैक्सन ली ने कहा कि भारत को क्षेत्र में लोगों के मानवाधिकार लौटाने पर काम करना होगा। क्यों न अमेरिकी कांग्रेस के कुछ सदस्यों को भारत और पाकिस्तान की तरफ के कश्मीर का दौरा करने दिया जाए।