फोटोग्राफी या वीडियो तैयार करने के लिए आजकल अधिकतर लोग स्मार्टफोन्स का उपयोग करते हैं। वैसे भी आजकल एंड्रॉइड और आईओएस आधारित स्मार्टफोन्स के यूजर्स के लिए एक से बढ़कर एक एप्लिकेशंस उपलब्ध हैं जो बेहतर क्वालिटी में फोटोज क्लिक करने से लेकर क्लिक किए हुए फोटोज की क्वालिटी को बेहतर बना सकते हैं। हालांकि फोटोज क्लिक करने या वीडियोज रिकॉर्ड करने के लिए आपको फोटोग्राफी के क्षेत्र में कुशल होना जरूरी है।
आपको पता होना चाहिए कि स्मार्टफोन के रियर या फ्रंट कैमराज में किस कैमरे को कब काम में लेना चाहिए और बेहतर रिजल्ट्स के लिए क्या करना चाहिए। यहां हम उन स्किल्स के बारे में जानकारी शेयर कर रहे हैं जो आपको अपने होम-मेड वीडियोज के बेहतरीन आउटपुट प्रदान करने में मददगार होंगी।
1. हमेशा रियर कैमरा काम में लें
स्मार्टफोन में रियर कैमरे की क्वालिटी बेहतर होती है। यह बेहतर रेजोल्यूशंस में फोटोज क्लिक करता है और यह एप के अंदर ज्यादा फीचर्स देता है। इसी के चलते इसके रिजल्ट्स हमेशा बेहतर ही आते हैं। खुद की रिकॉर्डिंग करने के लिए भी आप रियर कैमरा इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए फोन को किसी डेस्क या दीवार के सहारे रखें। अगर फोन को हाथ में पकड़कर वीडियो शूट करना चाहते हों तो फ्रंट कैमरा काम में लेते हुए कैमरे को रोटेट करके लैंडस्केप मोड में शूट कर सकते हैं।
2. ग्रिड से बनाएं स्ट्रेट वीडियो
टेढ़े-मेढ़े एंगल्स में लिया गया वीडियो, पोर्ट्रेट मोड में रिकॉर्ड किए गए वीडियो से भी खराब दिखता है। ऐसे में ग्रिड काम में लेने से रिकॉर्डिंग हमेशा स्ट्रेट रहेगी। ज्यादातर डिवाइसेज में ग्रिड का ऑप्शन होता है जिसे आप कैमरा एप के अंदर उपलब्ध एक सेटिंग के जरिए इनेबल कर सकते हैं। ग्रिड लगाने से आपको वीडियो को बैकग्राउंड में एक लाइन के विपरीत अलाइन करके स्ट्रेट वीडियो रिकॉर्ड करने के साथ ही कम्पोजिशन में भी मदद मिलती है। अगर लोगों को रिकॉर्ड कर रहे हों तो उनकी आंखों को टॉप ग्रिड लाइन के साथ लेवल करें।
3. स्टेबिलिटी और फोकस
अच्छा व सधा हुआ वीडियो बनाने के लिए कैमरे को स्थिर और फोकस में रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए कई फोन्स, कैमराज और कैमकॉर्डर्स में बिल्ट-इन इमेज स्टैब्लाइजेशन (आईएस) होता है जिसके लिए आपके हाथ में कैमरा स्थिर होना चाहिए। चलते हुए शूट करने से कैमरा हिल जाएगा। चलते समय आईफोन से स्मूदली शूट करने के लिए आप बेस्ट आईफोन गिम्बल्स में से एक चुन सकते हैं। अगर आपके फोन या कैमरे में इन-बिल्ट आईएस नहीं हो तो वीडियो रिकॉर्ड करते समय आप डिवाइस को दोनों हाथों से पकड़ें।
4. लाइटिंग
डार्क या अंडरएक्सपोज्ड फोटो में चमक लाना आसान है, लेकिन ऐसे वीडियोज को क्वालिटी और इंट्रोड्यूसिंग नॉइज को डिग्रेड किए बिना ब्राइट नहीं बना सकते। कम लाइट में कैमरे को फोकस करना मुश्किल होता है और ऑटो मोड में खराब रोशनी में होममेड वीडियो की फिल्मिंग से कैमरा फ्रेम रेट को घटा देगा जिससे वीडियो जर्की लगेगा। ऐसे में इस सामान्य नियम को फॉलो करें कि आपके सब्जेक्ट पर आपके पीछे से किसी ब्राइट सोर्स की रोशनी पड़नी चाहिए। स्मार्टफोन की फ्लैशलाइट का उपयोग अंतिम विकल्प के रूप में ही करें।
5. लैंडस्केप मोड में रिकॉर्ड करें
प्रोफेशनल वीडियो तैयार करना सीखने के लिए पहला स्टेप है, इसे लैंडस्केप मोड में शूट करना। हालांकि वर्टिकल या पोर्ट्रेट वीडियो तभी अच्छा लगेगा जब आप उसे अपने फोन में देखेंगे। जैसे ही आप उसे टीवी, लैपटॉप, टैबलेट या किसी अन्य डिवाइस पर देखेंगे तो वह प्रोफेशनल नहीं लगेगा। लैंडस्केप मोड के फ्रेम में आप अच्छी तरह फिट हो सकते हैं और इस तरह आपको लगातार लेफ्ट व राइट की तरफ पैन नहीं करना होगा जिससे क्लासी फिनिश वाला वीडियो बनेगा।
6. नए एंगल्स का प्रयोग
केवल कैमरा पकड़कर शूटिंग स्टार्ट करने से आप प्रोफेशनल वीडियोज नहीं बना सकते। इसके लिए बार-बार एंगल बदलकर शॉट्स लें। एक ही स्पॉट से आंखों के लेवल पर हर चीज को शूट करने के बजाए एक वाइड शॉट लेने के बाद अपने सब्जेक्ट के नजदीक जाकर क्लोज-अप शूट करें। उसके बाद दोनों शॉट्स को एक साथ एडिट करें या कैमरे को सिर के ऊपर पकड़कर या नीचे झुककर ऊपर की ओर शूट करें। इन ट्रिक्स का मकसद हर शॉट को बिल्कल डिफरेंट दिखाना नहीं, बल्कि उनमें थोड़ी भी वैराइटी होगी तो बेहतरीन लगेंगे।
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