हर रोज जालसाज ,लोगों के बैंक खाते में सेंध लगी, तत्काल शिकायत करने पर वापस मिली रकम


गाजियाबाद


केवाईसी, रिफंड के नाम पर या फिशिंग ई-मेल, एसएमएस के जरिए झांसा देकर हर रोज जालसाज लोगों के खाते में सेंध लगा रहे हैं। सबसे ज्यादा फ्रॉड डिजिटल पेमेंट ऐप से हो रहे हैं। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस का दावा है कि साइबर सेल में तुरंत शिकायत करने पर पीड़ितों को उनकी रकम वापस दिलाई गई है।

19 लाख रुपये दिलाए वापस


पुलिस ने 10 महीने में 56 लोगों की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए 19 लाख रुपये की रकम पीड़ितों के बैंक खाते में वापस कराई गई है। इन सब के बीच ऐसे भी मामले हैं कि थानों में ठगी की शिकायत पर सुनवाई नहीं हो रही है।


ऑनलाइन गेटवे पर रोकी जा सकती है रकम


साइबर जानकारों का कहना है कि 78 घंटे के भीतर साइबर ठगी की शिकायत करने पर रकम को ऑनलाइन गेटवे पर रुकवाया जा सकता है। रकम के 70 फीसदी हिस्से को पुलिस ही ऑनलाइन माध्यम से पीड़ित के खाते में भिजवा देती है, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग शिकायत देने में काफी देरी करते हैं।

3 दिन में रिफंड करे राशि


वहीं, आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी बैंक खाते से हुए फ्रॉड में तत्काल शिकायत मिलने पर 3 दिन में संबंधित व्यक्ति के खाते में राशि रिफंड करने की बाध्यता है। कई बार पुलिस साइबर फ्रॉड होने के कारण एफआईआर दर्ज करने में देरी करती है। ऐसे में यूपीकॉप ऐप से न सिर्फ एफआईआर की जा सकती है, बल्कि बैंक को भी इसकी एक कॉपी भेज दी जाती है, ताकि 3 दिन में रिफंड मिल सके।


साइबर क्राइम की करें शिकायत


पुलिस ने साइबर अपराध के मामलों की शिकायत के लिए बुधवार को 9643322890 नंबर जारी किया। इसके अलावा नैशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी शिकायत दे सकते हैं।

पैसे मिलने की उम्मीद नहीं
शालीमार गार्डन निवासी प्रवीण कुमार के मोबाइल पर 14 नवंबर को एक कॉल आई थी। कॉलर ने खुद को पेटीएम का कर्मचारी बताकर केवाईसी अपडेट करने के बहाने पूरी जानकारी ली। इसके बाद उनके खाते से 12 हजार रुपये निकल गए। पीड़ित का एक दिन पेटीएम से पत्राचार में गुजरा। अगले दिन कोतवाली में गए तो उन्हें साइबर क्राइम सेल में भेज दिया। दौड़भाग से परेशान होकर वह घर बैठ गए।