एक अमेरिकी व एक ऑस्ट्रेलियाई प्रोफेसर बंधकों की रिहाई के लिए तीन तालिबानी रिहा


काबुल
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को घोषणा की कि उनकी सरकार ने 2016 में अपहृत एक अमेरिकी और एक ऑस्ट्रेलियाई प्रोफेसर को तालिबान के कब्जे से मुक्त कराने के प्रयास के तहत तीन शीर्ष तालिबानी कैदियों को रिहा किया है। दोनों गत तीन वर्षों से तालिबान के कब्जे में हैं। गनी ने यह घोषणा एक संवाददाता सम्मेलन में की। उन्होंने कहा कि 'सशर्त रिहाई' बहुत कठिन निर्णय था और उनका मानना है कि उन्हें यह अफगान लोगों के हित में करना पड़ा। यह घोषणा गनी के लिए एक संवेदनशील समय में आई है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गत सितंबर में अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता रोक दी थी।


ट्रंप ने तालिबान के साथ वार्ता तालिबान द्वारा किए जाने वाले हमलों में बढोतरी के बाद रोकी थी। इन हमलों में काबुल में एक आत्मघाती हमला शामिल था, जिसमें एक अमेरिकी सैनिक की मौत हो गई थी। साथ ही गनी सरकार का भविष्य अधर में है क्योंकि 28 सितम्बर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम अभी घोषित नहीं हुए हैं। प्रारंभिक परिणाम 14 नवम्बर को आने की उम्मीद है। तालिबान से जुड़े हक्कानी नेटवर्क के तीन सदस्यों में अनस हक्कानी, हाजी माली खान और हाफिज राशिद शामिल है। गनी ने कहा कि इन तीनों को दो प्रोफेसरों की रिहायी के बदले 'सशर्त' छोड़ा जा रहा है।

दोपहर तक तीनों व्यक्तियों की कोई तस्वीर जारी नहीं हुई थी। इसकी तत्काल कोई जानकारी नहीं मिल पाई कि वे अभी भी अफगानिस्तान में हैं, रास्ते में हैं या पहले ही कतर भेजे जा चुके हैं... जहां तालिबान का राजनीतिक कार्यालय स्थित है। साथ ही तालिबान या हक्कानी धड़े की ओर से अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई बंधक के बारे में कोई बयान नहीं आया। यह भी नहीं बताया गया कि उन्हें कब रिहा किया जाएगा। गनी ने कहा कि तीनों तालिबानी कैदी अफगान सरकार की हिरासत में बगराम जेल में थे।

तालिबान लंबे समय से अनस हक्कानी की रिहाई की मांग कर रहा था। ये तालिबान के उप प्रमुख सिराजुद्दीन का छोटा भाई है। अनस हक्कानी को 2014 में बहरीन में गिरफ्तार किया गया था और बाद में अफगान सरकार को सौंप दिया गया था। तालिबान द्वारा बंधक बनाए गए दो व्यक्तियों की पहचान अमेरिकी नागरिक केविन किंग और ऑस्ट्रेलियाई टिमोथी वीकेस के तौर पर की गई है। दोनों को काबुल में अमेरिकी विश्वविद्यालय के बाहर से अगवा किया गया था जहां वे दोनों शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे।