दिल्ली
दिल्ली की जिला अदालतों के वकीलों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है. अब सभी वकील कल से काम पर लौटेंगे. तीस हजारी कोर्ट परिसर में हिंसा के बाद पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 4 नवंबर से दिल्ली की जिला अदालतों के वकील हड़ताल कर रहे थे. शुक्रवार को दिल्ली जिला बार कोआर्डिनेशन कमेटी ने हड़ताल को खत्म करने का ऐलान करते हुए कहा कि कल से वकील दिल्ली की सभी जिला अदालतों में वापस काम पर लौटेंगे.
शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि जब तक तीस हजारी हिंसा मामले की न्यायिक जांच पूरी नहीं हो जाती है, तब तक पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन दिया जा रहा है. इस तरह फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
माना जा रहा है कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद वकीलों के लिए आगे हड़ताल को जारी रखना मुश्किल था. अगर हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद वकील पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए हड़ताल जारी रखते, तो इसको कोर्ट की अवमानना माना जाता. शुक्रवार को दिल्ली जिला बार कोआर्डिनेशन कमेटी ने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए हड़ताल को वापस लेने का ऐलान करती है.
इससे पहले वकीलों ने पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 20 नवंबर को संसद घेरने का ऐलान किया था. इसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा था कि दिल्ली जिला बार कोऑर्डिनेशन कमेटी ने आनन-फानन में बिना हमसे इजाजत लिए यह तय कर लिया कि वो संसद पहुंचकर प्रदर्शन करेंगे. इतनी मामूली बात को लेकर संसद को घेरने की कोई जरूरत नहीं है.
मनन कुमार मिश्रा ने यह भी चेतावनी दी थी कि अगर वकीलों ने संसद घेरने की अपनी घोषणा को वापस नहीं लिया, तो दिल्ली जिला बार कोआर्डिनेशन कमेटी को बार काउंसिल ऑफ इंडिया भंग कर देगी. बार काउंसिल ऑफ इंडिया कोआर्डिनेशन कमेटी को इस बात की इजाजत नहीं देंगे कि वह वकीलों को बरगलाए. आपको बता दें कि तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक हड़प हुई थी, जिसमें कई पुलिसकर्मी और वकील घायल हो गए थे.
इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कोर्ट परिसर में फायरिंग भी की थी. इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया था और न्यायिक जांच के आदेश दिया था.