नई दिल्ली.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया है कि भारतीय रेलवे का विद्युतीकरण अगले 3-4 साल में पूरा कर लिया जाएगा। गोयल ने रविवार को ट्विटर पर अपनी योजना का ऐलान करते हुए कहा कि रेलवे लगातार प्रदूषण मुक्त भविष्य के लिए विद्युतीकरण बढ़ा रहा है। देशभर में रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण 4 सालों में पूरा कर लिया जाएगा। इस कदम के बाद भारतीय रेलवे जल्द दुनिया का पहला कार्बन उत्सर्जन मुक्त (जीरो कार्बन इमिशन) रेल नेटवर्क बन जाएगा।
सरकार पुराने कोयला संयंत्र खत्म कर रही: गोयल
गोयल ने कहा कि ऊर्जा की जरूरतों के लिए रेलवे सोलर एनर्जी के उत्पादन पर भी काम कर रहा है। इससे पहले रेल मंत्री ने एक कार्यक्रम में दावा किया था कि वे 2030 तक भारतीय रेलवे को दुनिया का पहला कार्बन उत्सर्जन मुक्त नेटवर्क बना देंगे। गोयल ने बताया कि सरकार पुराने कोयले के संयंत्रों को खत्म कर रही है। इससे पर्यावरण से प्रदूषण को खत्म करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इसके जरिए अक्षय ऊर्जा के नए संयंत्रों की जरूरत पैदा होगी और निवेश आगे बढ़ेगा।
जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए विद्युतीकरण पर जोर
पिछले महीने भारतीय ऊर्जा फोरम सेरावीक-2019 में गोयल ने कहा था कि भारतीय रेलवे 2023 तक पूरी तरह विद्युत ऊर्जा पर चलेगी। आकार और मापदंडों के हिसाब से यह दुनिया का पहला रेलवे सिस्टम होगा, जो पूरी तरह विद्युतीकरण पर आधारित होगा।
नीति आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 में भारतीय रेलवे की तरफ से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करीब 68.4 लाख टन था। जलवायु परिवर्तन के खतरों को देखते हुए सरकार ने कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए भारतीय रेलवे के विद्युतीकरण को रफ्तार दी है।