भारतीय मूल की अमेरिकी राजनयिक निक्की हेली ने की भारत की सराहना


वॉशिंगटन
'भारत और चीन सबसे तेजी से वृद्धि कर रही दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं लेकिन ये दोनों इस बात के भी शानदार उदाहरण हैं कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की तुलना में अलोकतांत्रिक व्यवस्थाएं किस तरह वैश्विक खतरा उत्पन्न करती हैं।' भारतीय मूल की अमेरिकी राजनयिक निक्की हेली की एक नई किताब में यह विचार रखा गया है।


संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी की पूर्व राजदूत भारतवंशी हेली की नई किताब 'विद ऑल ड्यू रेस्पेक्ट' मंगलवार को किताब स्टोरों में पहुंच गई। पुस्तक में हेली ने कहा कि आज के समय में अमेरिका जिस सबसे बड़े बाहरी खतरे से जूझ रहा है, वह चीन है। उन्होंने कहा, 'चीन विश्व में रणनीतिक तौर पर आर्थिक और सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है। यह सही नियत से नहीं किया जा रहा है। चीन बौद्धिक संपदाओं की चोरी करता है। वह उत्तर कोरिया को प्रतिबंधों से बचने में मदद करता है। चीन अपनी मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करता है।'


वहीं, किताब में उन्होंने लिखा कि इसके विपरीत भारत एक लोकतांत्रिक देश है। अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि यह दुनिया भर के लिए भयावह होगा। उन्होंने कहा, 'लेकिन भारत एक परमाणु शक्ति है, और किसी को इससे भय नहीं होता है। क्यों? क्योंकि भारत एक लोकतंत्र है और इससे किसी को खतरा नहीं है।' हेली ने कहा, 'अमेरिका का भारत के साथ मजबूत संबंध है और यह लगातार मजबूत हो रहा है। हमारी भागीदारी रणनीतिक है। दोनों देश आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं। आतंकवाद तथा इसे बढ़ावा देने वाले नफरती विचारों को परास्त करने की हमारी साझी प्रतिबद्धता है।'

उन्होंने लिखा, 'हम पाकिस्तान और अफगानिस्तान द्वारा आतंकवाद को सुरक्षित पनाह दिए जाने को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जैसा वे दोनों ग्यारह सितंबर 2001 से पहले कर रहे थे। सबसे महत्वपूर्ण, हमारी भागीदारी साझा सिद्धांतों पर आधारित है।' हेली ने कहा कि अमेरिका और भारत लोकतंत्र, कठिन श्रम, परिवार और उपलब्धि में साझा भरोसा रखते हैं।