अयोध्‍या को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर का शहर बनाने की तैयारी


अयोध्या


अयोध्या केस में राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद अब महानगर निगम भी अपनी योजनाओं को अंतरराष्‍ट्रीय मानकों पर तैयार कर रहा है। जिसमें बेहतरीन बागवानी के साथ सड़कों का निर्माण, 5 हजार से ज्यादा घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाना, बिजली की लाइटिंग व 7 सौ करोड़ लागत की सीवर योजना शामिल हैं। अमृत योजना व मास्टर प्लान के मुताबिक भी कई योजनाएं तैयार की जाएंगी।
अयोध्या महानगर निगम के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि अयोध्या व फैजाबाद नगरों मे बंदरों का आतंक बड़ी समस्या बन गया है। बंदरों के आतंक से मुक्ति व उनके संरक्षण के लिए भी अभयारण्य बनाने पर विचार किया जाएगा। इसके लिए बड़े क्षेत्र की जमीन की जरूरत पड़ेगी। जिसमें बंदरों के स्वतंत्र रूप से विचरण के साथ उनके खाने-पीने की व्यवस्था करनी होगी। फिलहाल अस्थाई तौर पर बंदरों को एक स्थान पर एकत्र कर भोजन व रहने के लिए प्‍लैटफॉर्म व शेड तैयार करने पर भी विचार किया जा रहा है। जिससे नगर को बंदर मुक्त किया जा सके। यह योजना पहले भी निगम में विचाराधीन थी।


उदया चैराहे से नयाघाट तक सड़क
मेयर ने बताया कि अंतरराष्‍ट्रीय मानक पर पहली सड़क का प्रॉजेक्‍ट उदया चौराहे से नयाघाट के लिए तैयार कर शासन के पास भेजा जा रहा है। इस सड़क के साथ खूबसूरत बागवानी भी रहेगी। नामी आर्किटेक्ट इसके निर्माण में काम करेंगे।

सीवर की समस्या के लिए 700 करोड़ का प्रॉजेक्ट
उन्होंने बताया अयोध्या व फैजाबाद जुड़वा शहरों के लिए सीवर की समस्या सबसे बड़ी है। जिसके चलते नगर की साफ-सफाई में दिक्कतें आ रही हैं। बरसात में नगर को जगह-जगह जलभराव के संकट से गुजरना पड़ता है। इससे निजात पाने के लिए 700 करोड़ की सीवर लाइन परियोजना को जल्द शुरू किया जा रहा है। इसका डीपीआर तैयार है। परियोजना को स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया है।


महानगर निगम की गोशाला को बेस्ट बनाने का प्रयास
उपाध्याय के मुताबिक नगर निगम की बैसिंग गांव की गोशाला जिले की सबसे बड़ी गोशाला है जिसमें कई हजार गायों को रखा जा सकता है। इस समय भी डेढ हजार गायों की संख्या इस गोशाला में है।अब इसको हर तरह से सुविधा सम्पन्न बना कर इसे प्रदेश की सबसे बेहतरीन गोशाला का दर्जा हासिल करवाया जाएगा।

काउ कोट से जाडे़ में ठंड से सुरक्षा
इसमें रहने वाली गायों को पहले बोरे के कपड़े से जाड़े में बचाया जाता था। अब गायों के लिए बाकायदा काउ कोट तैयार करवाए जा रहे हैं, जो तीन लेयर के कपड़ों से बनेंगे। इसके सैम्पल का भी परीक्षण कर ओके कर दिया गया है। इनकी नीचे की परत मुलायम कपड़े की, बीच की फोम की और बाहरी परत जूट की रहेगी।