25 नवंबर को 13 अमेरिकी सैटेलाइटों के साथ कार्टोसैट-3 की लॉन्चिंग, सैन्य सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होगा


चेन्नई.


इसरो चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के बाद अब नए मिशन के लिए तैयार है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 25 नवंबर को सुबह 9.28 बजे एडवांस्ड रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट कार्टोसैट-3 लॉन्च किया जाएगा। इसके साथ अमेरिका के 13 छोटे कमर्शियल उपग्रह भी भेजे जाएंगे। यह लॉन्चिंग पीएसएलवी-सी47 रॉकेट से की जाएगी। कार्टोसैट का उपयोग मौसम और सैन्य जानकारी जुटाने में किया जाएगा।

कार्टोसैट-3 का वजन लगभग 1500 किलोग्राम है। यह थर्ड जेनरेशन के एडवांस्ड हाई रेजोल्यूशन वाले अर्थ इमेजिंग सैटेलाइटों में पहला है। 22 जुलाई को चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया था। इसका ऑर्बिटर सफलता पूर्वक चांद की कक्षा में स्थापित किया गया, लेकिन 7 सितंबर को लैंडर विक्रम सॉफ्ट लैंडिंग करने में नाकाम रहा था।


अगले साल चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई जाएगी


इसरो की अगले साल नवंबर में जापान के साथ मिलकर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कराने की योजना है। सूत्रों ने बताया कि 2020 में चंद्रमा की सतह पर लैंडर उतारने के लिए इसरो ने एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। इसका नेतृत्व तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर के निदेशक एस.सोमनाथ कर रहे हैं। इस सेंटर को इसरो के सभी लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम की जिम्मेदारी दी गई है। चंद्रयान-3 से संबंधित सभी रिपोर्ट यह कमेटी ही तैयार करेगी।