सीएमएस में नारी के प्रति हिंसा विषय पर मीडिया सम्मेलन सम्पन्न

लखनऊ संवाददाता
लखनऊ। राजधानी के सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वाधान में नारी के प्रति हिंसा को रोकने में मीडिया, स्कूल व समाज की भूमिका विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन कानपुर रोड स्थित शाखा के आडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में देश-विदेश के मीडिया प्रमुख, पत्रकार, मनोवैज्ञानिक, विद्वान, शिक्षाविदों ने प्रतिभाग किया। 


इस अवसर पर मुख्य अतिथि रीता बहुगुणा जोशी ने अपने उद्बोधन में  कहा कि महिलाएं समाज के विकास व उत्थान की धुरी हैं, अतः सामाजिक विकास से महिलाओं को जोड़ना बहुत आवश्यक है। प्रदेश सरकार महिलाओं को वह महत्व, अधिकार व सम्मान दिलाने को प्रतिबद्ध है, जिसकी वह वास्तव में हकदार हैं। सीएमएस प्रेसीडेन्ट प्रो0 गीता गांधी किंगडन ने देश-विदेश से आये विद्वानों का स्वागत करते हुये कहा कि सीएमएस का मिशन है कि बच्चों को शैक्षिक ऊंचाइयां प्रदान करने के साथ उन्हें सामाजिक सरोकारों से भी जोड़े। जो बच्चे विद्यालय में समानता का व्यवहार करना सीख जाते हैं, वही आगे चलकर समाज में परस्पर सम्मान की भावना को जगाते हैं। समारोह का आरम्भ 'वन्दे मातरम' से हुआ।


सीएमएस के छात्रों ने स्वागत गान भी प्रस्तुत किया। देश-विदेश से आये आमन्त्रित अतिथियों व वक्ताओं का स्वागत करते हुये संस्थापक डा0 जगदीश गांधी ने कहा कि देश-विदेश से पधारे मीडिया प्रमुखों, पत्रकारों व अन्य विद्वजनों की आम राय थी कि महिलाओं व बालिकाओं को समाज में उनका उचित स्थान व मान-सम्मान दिलाकर ही आदर्श समाज की स्थापना की जा सकती है। 



महिलाओं व बालिकाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसावृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुये उन्होने कहा कि इस ज्वलन्त प्रश्न पर मीडिया को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के अनुरूप जन-मानस को प्रेरित करना होगा तो वहीं दूसरी ओर परिवार, विद्यालय व समाज को अपनी जिम्मेदारी के अनुरूप भावी पीढ़ी में संस्कारों व जीवन मूल्यों का विकास करन होगा।


इस अवसर पर प्रभु चावला (एडीटोरियल डायरेक्टर, न्यू इण्डियन एक्सप्रेस), राहुल महाजन (एडिटर इन चीफ, राज्यसभा टेलीविजन नई दिल्ली), अजीत अंजुम ( एडिटर इन चीफ टीवी9 भारतवर्ष), राणा यशवन्त (वरिष्ठ पत्रकार), मनोज तोमर ( गु्रप एडीटर, सहारा मीडिया, नई दिल्ली), नेहा दीक्षित (पत्रकार एवं वोमेन राइट्स एक्टिविस्ट), क्षिप्रा माथुर ( वरिष्ठ पत्रकार, राजस्थान), दुर्गा प्रसाद मिश्रा ( प्रिन्सिपल डेस्ट एडीटर, पीटीआई नई दिल्ली), एस.वेेकट नारायन ( इण्डिया ब्यूरो चीफ, द आइसलैण्ड श्रीलंका), साबू जार्ज (महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता), सुधीर मिश्रा ( वरिष्ठ स्थानीय सम्पादक नवभारत टाइम्स), अरविन्द चतुर्वेदी (वरिष्ठ सम्पादक, इण्डिया न्यूज), नैश हसन ( महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता), सीमा, फराह, अंशू (शीरोज कैफे) आदि ने अपने विचार रखे।