दबंगों को संरक्षण दे रहे एसओ पीपरपुर की शिकायत पुलिस अधीक्षक अमेठी से

भादर,अमेठी।


हरिकेश यादव -संवाददाता (इंडेविन टाइम्स)



  • सहन दरवाजे के सामने स्थित आबादी की जमीन पर एस ओ  पीपरपुर की मिलीभगत से अवैध कब्जा किया  गया ।

  • जिससे गांव वालों के बरसात का पानी निकलने से होगी परेशानी।

  • पीड़ित का आरोप है कि  न्याय को दरकिनार कर जातिवादी दरोगा दबंगों को संरक्षण दे रहे हैं।


खबर  पीपरपुर थाना क्षेत्र के विकासखंड भादर के अंतर्गत स्थित नेवढ़िया गांव की है । सुल्तानपुर दीवानी न्यायालय कार्यरत अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद यादव दरवाजे के सामने गाटा संख्या 866 आबादी की जमीन है। जिस पर उनका कई वर्षों से कब्जा है इसी के ठीक सामने ही पीड़ित की मकान से कुछ दूरी पर समरजीत सिंह पुत्र राजदेव सिंह का मकान है उन्हीं के घर के ठीक सामने से नाप दान होने के कारण गांव वालों का बरसात का पानी निकलता था समरजीत सिंह के दोनों बेटे गोली वा धीरज फौज में भर्ती है जिसके कारण वह गांव वालों से दबंगई से पेश आते हैं ।  



(फोटो-नेवढ़िया में जेसीबी द्वारा आबादी  में स्थित नापदान की बदली गई नवैयत)


इसी को लेकर गाटा संख्या 886 पर अपना हक जमाते हुए 24/12/2019 को एक जेसीबी और 11 ट्रैक्टर बुलवाकरआबादी में स्थित नापदान को बंद कर दिया तथा नापदान की नवैयत बदल दी । इस प्रकरण में कई बार डायल 112 पुलिस आई लेकिन कोई भी यथोचित कार्यवाही नहीं की गई ,जिससे पीड़ित को राहत मिल सके। इस पूरे प्रकरण में पुलिस की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि मौके पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही जेसीबी व  ट्रैक्टर गायब हो जाते थे।


इसी नापदान को लेकर अधिवक्ता के भाई प्रदीप कुमार को विपक्षी  समरजीत सिंह और उनके समर्थकों द्वारा गाली गलौज और जान से मारने की धमकी दी गई। इस पूरे प्रकरण की शिकायत 30/12/2019  व 05/01/2020को थानाध्यक्ष पीपरपुर को दी गई। लेकिन उनके द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और विपक्षी गणों से मिलकर एसओ पीपरपुर ने नाली की नवैयत बदलवा दी तथा पीपरपुर पुलिस द्वारा न्याय को दरकिनार करके दबंगों को संरक्षण दिया गया ।


इस बारे में अधिवक्ता राजेंद्र यादव ने पीपरपुर थानाध्यक्ष रविंद्र प्रताप सिंह की शिकायत क्षेत्राधिकारी अमेठी, पुलिस अधीक्षक अमेठी डॉक्टर ख्याति गर्ग ,मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ तथा भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली से की है। इस पूरे प्रकरण पर जब थानाध्यक्ष पीपरपुर से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।