नई दिल्ली
सरकार ने बुधवार को बताया कि फ्रांस ने भारतीय वायुसेना को 3 राफेल जेट उपलब्ध करा दिए हैं। इनका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के पायलटों और टेक्नीशियंस के प्रशिक्षण में किया जा रहा है। यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने लोकसभा में दी।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 अक्टूबर को फ्रांस स्थित एयरबेस पर पहला राफेल जेट हासिल किया था। चार राफेल जेट की पहली खेप मई 2020 तक भारत पहुंच जाएगी। भारत और फ्रांस ने सितंबर 2016 में 36 राफेल जेट के लिए 58 हजार करोड़ रुपए की डील की थी।
एनडीए सरकार ने राफेल डील 2.86% कम कीमत में की
हालांकि, नाइक ने यह नहीं बताया कि शेष 2 राफेल जेट भारत को कब दिए गए। नाइक के मुताबिक, मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) डील को लेकर यूपीए सरकार ने सौदेबाजी की थी, जिस पर 2014 की शुरुआत तक चर्चा हुई, मगर बात नहीं बन पाई। इसके बाद हुई डील में राफेल जेट की कीमत 2.86% कम थी।
कांग्रेस ने राफेल डील में अनियमितताओं का आरोप लगाया
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर राफेल डील में अनियमितताओं को लेकर आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि यूपीए सरकार ने जो डील 526 करोड़ रुपए में फाइनल की थी, उसे मोदी सरकार ने 1670 करोड़ रुपए में तय किया। इस बारे में राज्यमंत्री नाइक ने कहा- कैग रिपोर्ट में यह साफ है कि 36 राफेल को लेकर की गई डील पहले से ज्यादा एडवांस है, यह पिछली डील से ज्यादा बेहतर साबित हो सकती है।