पटना
बिहार की राजधानी पटना में महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन के बाद पटना मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से घोर लापरवाही सामने आई। देश के स्टीफन हॉकिंग कहे जाने वाले सिंह की लाश करीब एक घंटे तक ऐंबुलेंस के इंतजार में अस्पताल के बाहर पड़ी रही। इस शर्मनाक घटना के मीडिया में आने के बाद उन्हें ऐंबुलेंस मुहैया कराया गया।
अस्पताल प्रशासन के इस व्यवहार से वशिष्ठ नारायण सिंह के परिवार वाले बेहद आहत दिखे। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन और सरकार की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं दी गई। देश की महान विभूति का अपमान किया गया है। परिवार वालों ने कहा कि सुबह से ही वे लोग इंतजार में थे लेकिन उन्हें ऐंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई। उन्होंने राज्य सरकार से जाने-माने वैज्ञानिक की राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने की मांग की।
आंइस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को दी थी चुनौती
बता दें कि का 74 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया है। सिंह बिहार के पटना मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में भर्ती थे। राजधानी पटना के कुल्हरिया इलाके में रहने वाले सिंह की गुरुवार को अचानक तबीयत होने के बाद हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि सिंह स्कित्जोफ्रेनिया से पीड़ित थे। वशिष्ठ नारायण सिंह ने महान वैज्ञानिक आंइस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी।
स्कित्जोफ्रेनिया एक मानसिक रोग है। वशिष्ठ नारायण सिंह कुछ दिन पहले भी बीमार पड़े थे। उन्हें देखने के लिए कई नेता और मंत्री पहुंचे थे। चर्चित फिल्म निर्माता प्रकाश झा ने उनके ऊपर फिल्म बनाने की घोषणा भी की थी। वशिष्ठ नारायण सिंह राज्य के आरा जिले के बसंतपुर के रहने वाले थे। वह बचपन से बेहद होनहार थे और गणित से उनको बेहद लगाव था।